बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी आज (रविवार) से चुनावी अभियान की शुरूआत कर रही है. कोरोनावायरस की वजह से चुनावी रैली का आगाज कुछ अलग अंदाज में किया जा रहा है.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज बिहार में एक डिजिटल रैली करेंगे. इस रैली को ‘बिहार जनसंवाद रैली’ नाम दिया गया है. वर्चुअल रैली के जरिए वह पार्टी कार्यकर्ताओं से जुड़ेंगे और चुनावी बिगुल फूकेंगे. बताया जा रहा है कि इस डिजिटल रैली से करीब 12 लाख लोग जुड़ेंगे.
अमित शाह के दफ्तर के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ‘केंद्रीय गृह मंत्री श्री @AmitShah वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से ‘बिहार जनसंवाद रैली’ को संबोधित करेंगे. दिनांक: 7 जून 2020, समय: शाम 4 बजे.’
मिली जानकारी के अनुसार, बिहार के सभी जिलों को इस रैली से जोड़ा गया है. बीजेपी नेताओं व कार्यकर्ताओं ने रैली को लेकर खास तैयारियां की हैं. बाकायदा मंच तैयार किया गया है. मंच पर बिहार बीजेपी के दिग्गज नेताओं के मौजूद रहने की जानकारी है. पोलिंग बूथों पर 72 हजार LED स्क्रीन लगाई गई हैं. यह स्क्रीन उन लोगों के लिए हैं, जिनके पास स्मार्टफोन नहीं हैं. बीजेपी कार्यकर्ता गृह मंत्री को सुनने आने वाले लोगों के लिए मास्क व सैनिटाइजर की व्यवस्था करेंगे.
वहीं दूसरी ओर चुनावी सरगर्मियां तेज होते ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अलग-अलग पोलिंग बूथ कार्यकर्ताओं से बात करेंगे. लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad yadav) की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) थाली बजाकर इसका विरोध करेगी. RJD ने इसे ‘गरीब अधिकार दिवस’ नाम दिया है.
अमित शाह की डिजिटल रैली पर RJD नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि देश में कोरोना संकट के समय चुनाव अभियान चलाना, राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश है. उन्होंने आरोप लगाया कि भले ही लोगों की जान जाए लेकिन भगवा पार्टी की दिलचस्पी केवल चुनावी जीत में है. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली NDA सरकार प्रवासी मजदूरों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.
उन्होंने कहा कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में यह बड़ा मुद्दा होगा. एक इंटरव्यू में यादव ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि गरीबों की हितैषी तथा संविधान को सर्वोच्च मानने वाली समान विचाराधारा की पार्टियां एक साथ आएंगी और राज्य में 15 साल की विभाजनकारी और नाकाम सरकार के खिलाफ लड़ेंगी. उन्होंने विपक्षी खेमे में फूट की खबरों को भी खारिज करते हुए कहा कि अलग दृष्टिकोण रखना किसी भी लोकतंत्र के लिए लाभकारी है.