भोपाल. होशंगाबाद जिले की 9, मंडला की 2 एवं आगर-मालवा की 2 रेत खदानों के ठेके को अंतरित व्यवस्था के तहत आगे बढ़ा दिया है। इन खदानों की ठेका अवधि 31 मार्च 2020 को खत्म हो रही थी। वर्तमान परिस्थितियों में रेत खनिज की उपलब्धता के लिए खदानों की अवधि बढ़ाने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है।
होशंगाबाद जिले की खदान मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम द्वारा अनुबंधित ठेकेदारों के माध्यम से संचालित हो रही थीं। वहीं मंडला और आगर-मालवा जिले की खदानें राज्य खनिज नियम के तहत ठेकेदारों द्वारा संचालित थीं। ठेकेदारों की सहमति के बाद इन खदानों के ठेके 31 मार्च 2020 से एक साल के लिए बढ़ाकर 31 मार्च 2021 तक अथवा नीलामी प्रक्रिया में नए ठेकेदार के आने तक मान्य होंगी। सरकार ने इन खदानों की नीलामी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इसके पहले सरकार ने इन खदानों को एक अप्रैल से चालू रखने का निर्णय लिया था।
नीलामी में ठेके लिए 10 फीसदी की वृद्धि की गई
ठेकेदार द्वारा खदान का कब्जा लेने की तारीख से ठेका धन की राशि वसूल की जाएगी। राज्य शासन द्वारा प्रबंध संचालक राज्य खनिज निगम और संबंधित जिला कलेक्टर को निर्देशित किया गया है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में स्वीकृत ठेका की राशि में प्रति घन मीटर की स्वीकृत दर में 10 प्रतिशत बढ़ाई जाए।
साथ ही नीलामी में प्राप्त अधिकतम दर, जो भी अधिक हो, उस दर पर ठेका मान्य किया जाए।आगर-मालवा में ई-टेंडर में किसी नहीं लगाई बोली आगर-मालवा जिले में वर्तमान ई-निविदा में किसी ठेकेदार ने बोली नहीं लगाई है।
इसलिए यहां पर उज्जैन संभाग के अन्य जिलों में मिलने वाली अधिकतम निविदा दर की औसत दर से प्रति घन मीटर की राशि वसूली जाए। समय बढ़ाने के लिए जिले के कलेक्टर एवं मध्यप्रदेश राज्य खनिज विभाग के नियमानुसार अनुबंध किया जाए। बढ़ाई गई अवधि के लिये स्वीकृत रेत खनिज की मात्रा उतनी ही होगी, जो पहले से अनुबंधित होगी। वार्षिक मात्रा को 9 माह (मानसून अवधि को छोड़कर) में अनुपातिक रूप से बांटा जाएगा।