Home राष्ट्रीय पुरी में शुरू हुई भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा…

पुरी में शुरू हुई भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा…

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सुप्रीम कोर्ट ने रथयात्रा को लेकर कई कड़ी शर्तें लगाई हैं, जिसके चलते आम श्रद्धालु यात्रा में शामिल नहीं हो सकेंगे. ओडिशा सरकार यात्रा में शामिल होने वाले लोगों का पूरा ब्यौरा रखेगी. पल पल की अपडेट के लिए बने रहें एबीपी न्यूज़ के साथ…

रिपोर्ट्स के मुताबिक आखिरी बार 284 साल पहले 1733 से 1735 के बीच रथ यात्रा नहीं हो सकी थी, क्योंकि उस वक्त तकी खान ने पवित्र मंदिर पर हमला किया था और मूर्तियों को किसी और स्थान पर रखना पड़ा था

प्रभु जगन्नाथ की इस रथ यात्रा का भक्तों को साल भर इंतजार रहता है. 10 दिन तक चलने वाले आयोजन में देशभर से लाखों लोग जुटते हैं और रथ यात्रा में शामिल होते हैं. इसमें प्रभु जगन्नाथ के 45 फुट लंबे रथ को खींचा जाता है.

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने रथ यात्रा को अनुमति दे दी. कोर्ट ने कहा कि केंद्र, राज्य सरकार और मंदिर कमिटी समन्वय के साथ काम करेंगे. स्वास्थ्य निर्देशों का पूरा पालन किया जाएगा. इससे पहले कोर्ट ने यात्रा पर रोक लगा दी थी लेकिन रथ यात्रा पर रोक लगाने वाले आदेश में बदलाव की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यात्रा को सोमवार को शर्तों के साथ मंजूरी दे दी.

तीनों देवताओं को तीन पारंपरिक तौर पर बने लकड़ी के रथ- नंदीघोसा (जगन्नाथ के लिए), तलाध्वजा (बलभद्र के लिए) और देवदलन (सुभद्रा के लिए) पर बिठा कर ले जाया गया. रथों को पुरी के गुंडिचा मंदिर तक खींचा जाएगा, जो मुख्य जगन्नाथ मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. इस साल 500 से अधिक लोगों को रथ खींचने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्हें कोविड-19 टेस्ट कराने के बाद नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही अनुमति दी जाएगी. इनमें मंदिर के सेवक और पुलिसकर्मी शामिल होंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के अवसर पर लोगों को बधाई दी और कामना की यह यात्रा लोगों के जीवन में खुशियां एवं समृद्धि लेकर आए. प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ”भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के पावन अवसर पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं.” उन्होंने कामना की कि यह अवसर लोगों के जीवन में खुशियां, समृद्धि, सौभाग्य एवं आरोग्य लेकर आए. उन्होंने लिखा, ”जय जगन्नाथ.’

ओडिशा के पुरी में भक्तों की अनुपस्थिति में पहली बार भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों की वार्षिक रथ यात्रा शुरू हो गई है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा जनता की उपस्थिति के बिना सीमित तरीके से इसे आयोजित करने के निर्देश के बाद वार्षिक उत्सव की शुरुआत की गई. पुजारियों ने भोर में ‘मंगल आरती’ का आयोजन किया. शंखनाद की ध्वनि, झांझ और ढोलक की थाप के साथ मंदिरों से देवताओं को रथ पर बिठाकर यात्रा की शुरुआत की गई.

तीनों देवताओं को तीन पारंपरिक तौर पर बने लकड़ी के रथ- नंदीघोसा (जगन्नाथ के लिए), तलाध्वजा (बलभद्र के लिए) और देवदलन (सुभद्रा के लिए) पर बिठा कर ले जाया गया. रथों को पुरी के गुंडिचा मंदिर तक खींचा जाएगा, जो मुख्य जगन्नाथ मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. इस साल 500 से अधिक लोगों को रथ खींचने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्हें कोविड-19 टेस्ट कराने के बाद नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही अनुमति दी जाएगी. इनमें मंदिर के सेवक और पुलिसकर्मी शामिल होंगे.

पुरी के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर बलवंत सिंह ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार रथ यात्रा के सुचारू संचालन के लिए सभी सहयोग कर रहे हैं. मैं सभी भक्तों से अनुरोध करता हूं कि वे घर पर रहें और त्योहार का सीधा प्रसारण देखें.”

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