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राजस्थान में कोरोना के चलते भाद्रपद अमावस्या पर बंद रहेंगे सभी शक्ति मंदिर…

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राजस्थान में शेखावाटी क्षेत्र के झुंझुनू, सीकर जिलों में भादो (भाद्रपद) मास में इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते शक्ति मंदिर बंद रहेंगे। मंदिरों में इन दिनों बहुत रौनक रहती है, त्यौंहारों के कारण भादो मास में शेखावाटी क्षेत्र में देश विदेशों में रह रहे लाखों प्रवासी अपनी जन्मभूमि पर आ कर अपने बच्चों के जात-जड़ूले एवं पूजा करते हैं। साथ ही अपने परिजनों एवं रिश्तेदारों से मिलते हैं। शेखावाटी क्षेत्र में बहुत से शक्ति मंदिर हैं, जहां कभी बड़े बड़े मेले लगते थे। विशेषकर झुंझुनू के रानी सती मंदिर में हर भादो मास की अमावस्या को लक्खी मेला लगता था। जिसमें लाखों की संख्या में प्रवासी दर्शन करने आते थे।

बाद में सती निरोधक कानून के प्रभावी होने के बाद सरकार द्वारा क्षेत्र के सभी सती मंदिरों पर ताले लगा दिए गए थे। फिर मंदिर कमेटियों ने का नाम बदलकर शक्ति मंदिर कर दिया गया। इसके बाद श्रद्धालुओं ने अपनी कुलदेवी के रूप में वहां पूजा करने की न्यायालय से अनुमति मांगी। न्यायालय से शक्ति मंदिरों में उनके वंशजों को सामान्य रूप से पूजा अर्चना करने की इजाजत दे मिल गई। हालांकि सभी शक्ति मंदिरों में चुनरी चढ़ाकर महिमामंडित करने पर अब भी रोक है।

जानकारों ने बतायाकि झुंझुनू सहित शेखावाटी क्षेत्र के दर्जनों शक्ति मंदिरों में प्रतिवर्ष भादो मास की अमावस्या को उनके वंशजों द्वारा कुल देवी के रूप में पूजन किया जाता है। इस कारण हर वर्ष लाखों लोग अपने -अपने कुलदेवी के मंदिरों में दर्शनार्थ आते हैं। इस दौरान सभी होटल, गेस्ट हाउस, रहने के अन्य सभी स्थानों को आने वाले प्रवासी महीनों पहले बुक करा लेते थे। इन शक्ति मंदिरों में लगने वाले कुलदेवी के मेलों के बहाने प्रवासी लोग क्षेत्र के विभिन्न धर्मिक स्थलों के भी दशर्न करने जाते थे।

क्षेत्र के शक्ति मंदिरों के अलावा श्री खाटू श्याम मंदिर, जीण माता मंदिर, शाकंभरी माता मंदिर, सालासर हनुमान जी मंदिर, लोहार्गल धाम सहित कई धार्मिक स्थलों पर पूरे भादों महीने में लोगों का आवागमन बना रहता था, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते क्षेत्र के सभी प्रमुख धार्मिक स्थल आम श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन द्वारा बंद कर दिए गए हैं। वहां पर लोगों के दर्शन करने पर भी रोक लगी हुई है। इस कारण इस बार शेखावाटी क्षेत्र में भादो मास की अमावस्या बिना भीड़भाड़ के ही गुजर जाएगी। भादो अमावस्या पर लोगों के बड़ी संख्या में आने से यहां के सभी होटल, धर्मशाला, गेस्ट हाउस के अलावा अन्य विभिन्न स्तरों पर बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलता रहा है।

अकेले भादो मास की अमावस्या के अवसर पर ही क्षेत्र के व्यवसायियों को कई करोड़ों रुपए की आय होती थी। बहुत से लोगों का तो वर्ष भर का गुजारा ही शक्ति मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं पर निर्भर रहता है, लेकिन इस बार 18 व 19 अगस्त को आयोजित होने वाले मेलों में श्रद्धालुओं के नहीं आने से क्षेत्र के व्यवसायियों एवं अन्य विभिन्न प्रकार की गतिविधियों से जुड़े लोगों में निराशा व्याप्त है। लोगों का मानना है कि इस बार भादो अमावस्या पर लगने वाले मेले के कारण होने वाले नुकसान की पूरे साल भर में भरपाई नहीं हो पाएगी।

उधर मेले के अवसर पर दर्शनों पर रोक के चलते केड शक्ति धाम सहित कई मंदिर कमेटियों ने तो वचुर्अल माध्यम से श्रद्धालुओं को दर्शन करवाने की व्यवस्था की है। केड शक्ति धाम मंदिर समिति के अध्यक्ष मनमोहन केडिया सचिव राजकुमार केडिया ने बताया कि इस बार केडिया समाज के बंधुओं को दादी जी के घर बैठे फेसबुक के माध्यम से लाइव दर्शन करने को मिलेंगे।

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