मध्य प्रदेश बोर्ड की 10वीं और 12वीं में फेल हुए करीब डेढ़ लाख बच्चे सोमवार से शुरू हो रही रुक जाना नहीं योजना के तहत परीक्षा देंगे। मध्यप्रदेश राज्य ओपन मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित इस परीक्षा के साथ ही राज्य ओपन स्कूल, आईटीआई समकक्ष, मदरसा बोर्ड और सीबीएससी ऑन डिमांड के 11 हजार बच्चे भी पेपर देंगे।
डायरेक्टर, राज्य ओपन स्कूल प्रभात आर तिवारी ने बताया कि 10वीं और 12वीं में फेल हुए छात्रों को साल बचाने का मौका रुक जाना नहीं योजना के तहत दिया जाता है। असफल छात्रों के लिए सोमवार से परीक्षा आयोजित की जा रही है। इनके अलावा परीक्षा से वंचित रह गए 12वीं के छात्रों के लिए भी सोमवार से विशेष परीक्षाएं शुरू होंगी। कोरोना के कारण इस बार 12वीं की परीक्षा तीसरी बार आयोजित की जा रही हैं। कक्षा 10वीं में 85630 और कक्षा 12वीं 67600 स्टूडेंट पेपर देंगे। प्रदेश भर में कुल 462 केंद्र बनाए गए हैं।
कोरोना संक्रमितों के अस्पताल में होंगे पेपर
डायरेक्टर तिवारी ने बताया कि कोरोना संक्रमितों को सेंटर में प्रवेश की अनुमित नहीं है। उनके पेपर अस्पताल में ही आयोजित किए जाएंगे। अब तक जबलपुर और मंदसौर में एक-एक छात्र के कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी मिली है। उनके पेपर की व्यवस्था अस्पताल में की गई है। इसके साथ ही किसी कारण से परीक्षा नहीं दे पाने वाले छात्र दिसंबर में एक बार फिर से परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।
विशेष परीक्षा में 250 छात्र होंगे शामिल
इधर, एमपी बोर्ड की कक्षा 12वीं के स्थगित हुए पेपर से वंचित रह गए छात्रों की विशेष परीक्षा सोमवार से शुरू हो जाएगी। हालांकि इसमें अब केवल 250 छात्र ही शामिल हो पा रहे हैं। यह कोरोना के कारण 9 जून से आयोजित परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए थे। इनके लिए एक और मौका दिया जा रहा है।
एक घंटे पहले पहुंचना अनिवार्य
- कोरोना संक्रमण के चलते परीक्षा केन्द्रों पर विद्यार्थियों को एक घंटे पहले पहुंचना होगा।
- परीक्षा केंद्रों पर थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही उनको एंट्री दी जाएगी।
- पेपर के दौरान सभी छात्रों को अपने नाक और मुंह को नकाब अथवा कपड़े से ढंक कर रखना।
- फिजिकल डिस्टेंस नियमों का पालन करना होगा।