NEET 2020: सुप्रीम कोर्ट ने आज राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) स्नातक (UG) 2020 को अरब देशों में कराए जाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग को खारिज कर दिया। लेकिन केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत विदेशी छात्रों को 13 सितंबर को परीक्षा देने के लिए भारत आने की अनुमति दे।
देश के बाहर से भारत पहुंचने वालों के लिए 14 क्वारंटाइन का नियम होने पर सर्वोच्च अदालत ने कहा कि जनता की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। लेकिन अदालत ने याचिकाकर्ताओं को स्वतंत्रता दी कि वे संबंधित राज्य के प्रशासन से इसमें राहत की मांग कर सकते हैं।
न्यायाधीश एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल अजीज की याचिका पर सुनावाई कर रही थी। अजीज ने नीट में भाग लेने वाले मध्य-पूर्व के छात्रों की ओर से याचिका दाखिल की थी। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि अरब इलाके के करीब 4000 छात्र नीट में भाग ले रहे हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय फ्लाइटों पर प्रतिबंध के चलते वे भारत नहीं आ पा रहे हैं।
अजीज ने अदालत से यह भी मांग की एमबीबीएस के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा या तो ऑनलाइन कराई जाए या कोई अन्य विकल्प उपलब्ध कराया जाए। उनहोंने कतर समेत अन्य अरब देशों या गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) में परीक्षा केंद्र बनाने की मांग की।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) दोनों ने याचिककर्ता की मांग का विरोध किया। इससे पहले शनिवार को एमसीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया था कि देश के बाहर कोई भी परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। अगर ऐसा नहीं किया जाता तो नीट की एकरूपता से समझौता होगा और प्रश्नपत्र के लीक होने की संभावना बढ़ने के साथ ही गोपनीयता बरकरार रखना भी मुश्किल होगा।
अदालत ने कहा कि अरब देशों में फंसे छात्रों को कोई लाभ दिया जाए उसके लिए समय बहुत कम बचा है। हालांकि आने वाले सालों के लिए अदालत ने एमसीआई से कहा कि वे ऑनलाइन परीक्षा कराने पर भी विचार करें।
अदालत ने कहा कि अरब देशों, सिंगापुर और मलेशिया के काफी संख्या में छात्र नीट परीक्षा में भाग लेते हैं। ऐसे में एमसीआई नीट (NEET) को ऑनलाइलन कराने पर विचार क्यों नहीं कर रही? विदेश में रहने वाले तमाम लोगों को इससे परेशानी से बचाया जा सकता है। खासतौर पर तब, जब जेईई की परीक्षाएं ऑनलाइन कराई जा रही हों। हालांकि अदालत ने मामले में ऐसा आदेश देने से मना कर दिया।