बिहार पुलिस विभाग का एक पत्र सामने आने के बाद राज्य के पुलिस महकमे में हंगामा मच गया है। 50 साल से अधिक उम्र वाले पुलिसकर्मियों की छंटनी की बातें होने लगी हैं। दरअसल, बिहार पुलिस की तरफ से 25 अगस्त को जारी हुए एक पत्र में 50 साल से अधिक उम्र वाले पुलिसकर्मियों की हर महीने कार्य दक्षता की समीक्षा करने की बात कही गई है। इस पत्र के सामने आने के बाद बिहार पुलिस एसोसिएशन ने कहा है कि 50 वर्ष से अधिक उम्र के अनुभवी पुलिसकर्मियों को अयोग्य घोषित कर सेवा से हटाने की साजिश हो रही है।
पत्र के मुताबिक, एक समिति का गठन किया गया है जो प्रत्येक महीने की 9 तारीख को 50 साल से अधिक उम्र वाले पुलिसकर्मियों की समीक्षा करेगी। पुलिसकर्मियों के कामकाज की समीक्षा मुख्यालय स्तर पर की जाएगी। अगर वो अपने काम में दक्ष नहीं पाए गए तो उनको जबरन रिटार्यड कर दिया जाएगा। पत्र में सभी जिलों के एसपी और रेल एसपी को निर्देश दिया गया है कि ऐसे पुलिसकर्मियों की सूची भेजें जो अपने काम में दक्ष नहीं है। सभी जिलों से मिले रिपोर्ट के आधार पर ही समीक्षा होगी।
विभाग के इस फैसले पर बिहार पुलिस एसोसिएशन ने नाराजगी जताई है। एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने इसे तानाशाही फैसला करार देते हुए कहा है कि पुलिस विभाग में सरकार के आदेश के तहत पत्र निर्गत कर 50 वर्ष से अधिक उम्र के अनुभवी पुलिसकर्मियों को अयोग्य घोषित करके सेवा से हटाने की साजिश चल रही है।
मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि इस तरह के आदेश से किसी भी वरीय के अधीन कार्य कर रहे कर्मी का आर्थिक और मानसिक शोषण होगा और यह बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि काफी लंबी अवधि तक अपनी सेवा का योग्यता, कर्मठता, अनुभव से कुशलता पूर्वक निर्वहन के बाद पदोन्नति का अवसर इस उम्र में मिलता है। सरकार के इस फैसले से विभाग में डर का माहौल बनेगा।