नुभवी एथलेटिक्स कोच पुरुषोत्तम राय का शुक्रवार को बेंगलुरु में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. शनिवार को उन्हें राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समारोह (वर्चुअल) में द्रोणाचार्य पुरस्कार (आजीवन) से सम्मानित किया जाना था. एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (AFI) के शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘उन्होंने राष्ट्रीय खेल पुरस्कार के लिए पूर्वाभ्यास में भाग लिया, लेकिन बाद में दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया.’
79 साल के पुरुषोत्तम राय 2001 में भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के कोच के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. राय ने वंदना राव, अश्विनी नाचप्पा, प्रमिला अयप्पा, रोजा कुट्टी, एमके आशा, बी शायला, मुरली कुट्टन जैसे शीर्ष एथलीटों को कोचिंग दी थी. 1974 में नेताजी इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स से डिप्लोमा हासिल करने के बाद राय ने अपना कोचिंग करियर शुरू किया था.
पूर्व लॉन्ग-जंपर अंजू बेबी जॉर्ज ने कहा, ‘वह अच्छे कोच था, जिनसे ओलंपियनों सहित कई शीर्ष भारतीय एथलीटों ने प्रशिक्षण लिया था. पुरस्कार पाने से ठीक एक दिन पहले उनका निधन दुखद घटना है.’
अश्विनी नचप्पा ने कहा, ‘वह मेरे पहले कोच थे. उन्होंने मेरे सफर को बहुत खास बना दिया. मेरी प्रतिभा पर जिस तरह से उनका विश्वास था, उसकी वजह से मुझे इतनी सफलता का स्वाद चखने का मौका मिला.’
राय ने 1987 विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप, 1988 एशियन ट्रैक एंड फील्ड चैम्पियनशिप और 1999 SAF गेम्स के लिए भारतीय टीम को भी कोचिंग दी. वह सर्विसेस, युवा सशक्तीकरण और खेल विभाग (DYES) और भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) से कोच के तौर पर जुड़े रहे.