परिवर्तिनी एकादशी पर भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है. भाद्रपद शुक्ल पक्ष की इस एकादशी को पद्मा एकादशी भी कहा जाता है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस एकादशी पर भगवान विष्णु विश्राम के दौरान करवट बदलते हैं. इसी कारण इसे परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है. इस बार परिवर्तिनी एकादशी 29 अगस्त को शनिवार के दिन मनाई जा रही है.
इस बार की परिवर्तिनी एकादशी (Parivartini Ekadashi) पर एक खास संयोग भी बन रहा है. इस दिन द्वादशी तिथि भी लग रही है. ज्योतिषियों के मुताबिक, शनिवार, 29 अगस्त के दिन सुबह 08.18 पर एकादशी तिथि समाप्त हो जाएगी. इसके बाद द्वादशी तिथि आरंभ हो जाएगी. इस तरह एकादशी और द्वादशी का संयोग एक साथ बन रहा है, जिसका विशेष महत्व भी है.
बन रहा यह शुभ संयोग
परिवर्तिनी एकादशी पर इस बार आयुष्मान योग बन रहा है. इस शुभ योग (Shubh yog) में किया गया कोई भी कार्य बड़ा फलदायी होता है. आयुष्मान योग (Ayushman yog) में किए गए कार्य विफल नहीं होते हैं. साथ ही भगवान विष्णु की उपासना करने से आपके सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख समृद्धि आती है. इस योग को बहुत मंगलकारी माना गया है.
परिवर्तिनी एकदशी पर कैसे करें पूजा?
प्रातःकाल स्नान करके सूर्य देवता को जल अर्पित करें. इसके बाद पीले वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और गणेश जी की पूजा करें. श्री हरि को पीले फूल, पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें. गणेश जी को मोदक और दूर्वा अर्पित करें. पहले गणेश जी (Lord Ganesha) और तब श्री हरि के मंत्रों का जाप करें. किसी निर्धन व्यक्ति को जल का, अन्न-वस्त्र का, या जूते छाते का दान करें. आज के दिन अन्न का सेवन बिलकुल न करें, जलाहार या फलाहार ही ग्रहण करें.