भोपाल में कोरोना संक्रमण सितंबर में बेकाबू हो गया है। यहां पर कोरोना की रफ्तार अगस्त के मुकाबले सितंबर में 30 फीसदी ज्यादा तेज हो गई है। चालू महीने के पहले 10 दिनों में हर रोज 200 से अधिक नए केस सामने आ रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग हर रोज जितने नमूनों की जांच कर रहा है, उसमें 10 फीसदी से ज्यादा सैंपल पॉजिटिव मिल रहे हैं। जबकि पिछले महीने के 25 अगस्त को ये दर अभी के आधे से भी कम यानि 5 फीसदी से नीचे थी।
राजधानी में 24 घंटे में कोरोना संक्रमण से 4 की मौत हो गई। गुरुवार को 206 नए केस मिले, इसके साथ ही अब कुल मरीजों की संख्या 13550 हो गई है। आज मिले नए मरीजों में 50 फीसदी से ज्यादा पहले से अस्पताल में भर्ती हैं, वहीं कुछ लोग होम आइसोलेट हुए हैं। इधर, अब सरकारी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या की वजह से बेड कम पड़ रहे हैं। हमीदिया अस्पताल में 320 बेड के कोविड वार्ड में अब कोविड के गंभीर मरीजों को रखने की जगह नहीं है। यहां पर कोविड वार्ड के बेड की करीब-करीब फुल ऑक्युपेंसी है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्य में कोविड के मरीज बढ़ रहे हैं यह वास्तविकता है। अस्पतालों में बिस्तर बढ़ाने की आवश्यकता भी है। इस दिशा में हम काम कर रहे हैं। इसके लिए मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों को जरूरी निर्देश दिए गए हैं। निजी अस्पतालों में कोविड के प्रभावी इलाज की व्यवस्था की जा रही है।
‘प्रदेश को फिर से लॉक नहीं कर सकते हैं’
मध्य प्रदेश लॉक से अनलॉक की ओर बढ़ा है। अर्थव्यवस्था को पुन: लॉक नहीं कर सकते। आर्थिक गतिविधियां बंद नहीं हो सकती। इस परिस्थिति में सावधानी बरतना बहुत आवश्यक है। उन्होंने प्रदेशवासियों से मॉस्क का उपयोग हर स्थिति में करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मॉस्क और परस्पर दूरी कोरोना से बचाव का प्रभावी उपाय है।
फीवर क्लीनिक के कमांड कंट्रोल सेंटर को प्रभावी बनाएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के प्रबंधन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए लक्ष्य आधारित रणनीति क्रियान्वित की जा रही है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी जिलों में फीवर क्लीनिक पर आवश्यक जांच और उपचार की व्यवस्था हो। फीवर क्लीनिक को और अधिक सशक्त किया जा रहा है। सभी जिलों में सोमवार तक कोविड कमांड तथा कंट्रोल सेंटर आरंभ करने के निर्देश दिए गए। इससे होम आइसोलेशन में जो मरीज हैं, उनकी मॉनीटरिंग की व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाएं। कमांड कंट्रोल सेंटर पर एम्बुलेंस की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाए। अगर किसी भी मरीज को जरूरत पड़े तो उसे तत्काल अस्पताल भेजा जा सके।