कंगना रनौत और महाराष्ट्र के गृहमंत्री संजय राउत के बीच शुरू हुए जुबानी बहस के बाद पिछले दिनों कंगना के मुंबई स्थित ऑफिस में बृहन्मुंबई म्युनिशिपल कॉर्पोरेशन (BMC) ने तोड़फोड़ की थी. बीएमसी की ओर से कंगना के ऑफिस और उनके घर दोनों में अवैध निर्माण का हवाला दिया गया था. बीएमसी की इस कार्रवाई पर कंगना ने बॉम्बे हाईकोर्ट में मुआवजे की याचिका दायर की थी. अब उन्होंने याचिका में संशोधन कर बीएमसी से 2 करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की है.
उन्होंने इस संशोधित याचिका को बॉम्बे हाई कोर्ट में जमा कर दिया है. उनकी इस याचिका पर 22 सितंबर को कोर्ट में सुनवाई होगी. मालूम हो कि कंगना के जिस ऑफिस में बीएमसी ने दखलअंदाजी की है, वह 48 करोड़ का है. मुंबई जाने के बाद कंगना ने 10 सितंबर को अपने ऑफिस का जायजा लिया था. उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि वे इसकी मरम्मत नहीं करवाएंगी. वे इस टूटे ऑफिस में ही काम करेंगी और इसे एक महिला पर अत्याचार की निशानी के तौर पर रखेंगी.
कंगना 9 सितंबर को मनाली अपने होमटाउन से मुंबई गई थीं. मुंबई पहुंचकर उनकी ओर से उनके वकील रिजवान सिद्दीकी ने कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके बाद कंगना ने महाराष्ट्र के राज्यपाल से भी मुलाकात की. जहां उन्होंने न्याय की उम्मीद जताई है. कंगना के पक्ष से इतर शिवसेना ने बयान दिया था कि उन्हें मुंबई के बारे में इतनी कड़वी बातें नहीं कहनी चाहिए थी. उन्होंने कंगना की बात की कड़ी निंदा की थी. शिवसेना और कंगना के बीच अभी भी विवाद जारी है.
कंगना ने मुंबई की तुलना PoK से की थी जिसके बाद संजय राउत ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र सरकार (शिवसेना) भी एक्ट्रेस के खिलाफ खड़े हो गए. जब बीएमसी ने कंगना के ऑफिस में तोड़-फोड़ की तो उन्होंने बीएमसी को बाबर की सेना कह दिया था. इससे पहले संजय राउत ने भी कंगना के लिए अभद्र शब्द का इस्तेमाल किया था. दोनों के बीच सुशांत केस को लेकर पिछले लंबे समय से यह विवाद चला आ रहा है.