लद्दाख में भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर जारी तनाव के बीच केंद्र सरकार बुधवार शाम को विपक्षी दलों के साथ अहम बैठक कर रही है। हालांकि, इस बैठक में संसद के मॉनसून सत्र को सुचारू ढंग से चलाने की रणनीति पर चर्चा होनी है, लेकिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति के कारण बैठक काफी अहम मानी जा रही है।
इस बैठक में राजनाथ सिंह, पीयूष गोयल, थावरचंद गहलोत, प्रह्लाद जोशी, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और टी शिवा जैसे सांसद शामिल हैं। बैठक शुरू होने से पहले, इसके बारे में जानकारी रखने वाले लोगों का कहना था कि इस बैठक में कौन से मुद्दे उठाए जाएंगे, इसपर फैसला नहीं हुआ है।
सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह प्रमुख विधेयकों को जल्द पारित कराने के लिए विपक्ष से मदद मांगेगी, लेकिन विपक्ष भारत-चीन सीमा स्थिति और अर्थव्यवस्था की स्थिति पर बहस कराने की मांग लगातार कर रहा है।
संसद के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने राज्यसभा में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सेना की घुसपैठ और सैन्य गतिरोध पर एक छोटी अवधि की चर्चा का नोटिस दिया।
भारत-चीन के बीच सीमा गतिरोध पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में जवाब दिया था। राजनाथ सिंह ने कहा था कि हमारे जवानों के हौसले पूरी तरह से बुलंद हैं और हम किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार हैं। रक्षा मंत्री ने बताया था कि चीन ने सीमा पर गोला-बारूद इकट्ठा कर लिया है, लेकिन हमारी सेना भी तैयार है। हमारे जवान देशवासियों को सुरक्षित रख रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘किसी को भी हमारे सीमा की सुरक्षा के प्रति हमारे दृढ़ निश्चय के बारे में संदेह नहीं होना चाहिए। भारत मानता है कि पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण संबंधों के लिए आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता जरूरी है।’
कोरोना वायरस की वजह से मॉनसून सत्र इस बार कुछ समय देरी से शुरू हुआ है। 14 सितंबर से शुरू हुए मॉनसून सत्र की समाप्ति एक अक्टूबर को होगी। महामारी की वजह से संसद सत्र में कई अहम बदलाव किए गए हैं। मॉनसून सत्र की शुरुआत से पहले सभी सांसदों की कोरोना जांच करवाई गई, जिसमें लोकसभा के 25 सांसद पॉजिटिव पाए गए थे। वहीं, संसद के अंदर भी सांसदों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए दूर-दूर बैठाया गया है और उनके सामने फेस शील्ड भी बनाई गई है।