उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल चिंतपूर्णी में वीरवार को ठीक छह महीने बाद रौनक देखने को मिली। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर न्यास को वीरवार को एक घंटा पहले दरबार में दर्शन करने की सुविधा देनी पड़ी। भक्तों के लिए मंदिर सुबह नौ बजे की बजाय आठ बजे खोलना पड़ा।
अंतरराज्यीय सीमाओं के प्रवेशद्वार खुलने के बाद आज पहली बार पड़ोसी राज्य पंजाब के श्रद्धालुओं की उपस्थिति सबसे ज्यादा रही। वीरवार शाम साढ़े छह बजे तक 932 के करीब भक्तों ने मां के दर पर शीश नवाया। इनमें से 750 से ज्यादा श्रद्धालु बाहरी राज्यों के थे। श्री चिंतपूर्णी सदन में 666 और शम्भू बैरियर पर बने काउंटर पर 266 ने पंजीकरण करवाया करवाई।
मंदिर अधिकारी ओपी लखन पाल ने बताया कि श्रद्धालुओं को शारीरिक दूरी के साथ मंदिर में दर्शन करने की अनुमति दी जा रही है। श्री चितपूर्णी सदन और शंभू बैरियर पर थर्मल स्क्रीनिग के बाद श्रद्धालुओं को दर्शन पर्ची देकर मंदिर भेजा जा रहा है। नहीं हुआ दुकानदारों को कोई फायदा
चितपूर्णी बाजार में करीब 70 प्रतिशत दुकानें अभी भी बंद हैं और जो खुली हैं, उनमें भी बहुत कम ग्राहक जा रहे हैं। स्थानीय बाजार में अब तक कोई ज्यादा चहल-पहल नहीं रही है। श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए प्रसाद साथ लेकर आ रहे हैं और दर्शन के बाद सीधे वापस लौट रहे हैं। दुकानदारों में जीवन, राजेश, महेश, राम गोपाल और सतीश ने बताया कि बाजार में दुकानें खुली होने के बावजूद कोई भी श्रद्धालु खरीदारी नहीं कर रहा है, वहीं स्थानीय होटलों की बुकिग भी नहीं हो रही है। सभी श्रद्धालु अपने निजी वाहनों या टैक्सी से यहां पहुंच रहे हैं और दर्शन करने के बाद सीधे वापस लौट रहे हैं। मुख्य बाजार के अलावा तलवाड़ा बाईपास, शीतला मंदिर रोड व भरवाई में भी धार्मिक पर्यटन की व्यवसायिक गतिविधियां लगभग ठप हैं। 14,314 का चढ़ावा
तीन दिन बाद मंदिर के दानपात्रों के चढ़ावे की गणना हो रही है। 14 सितंबर की गणना में 14,314 रुपये मंदिर न्यास को प्राप्त हुए हैं। मंदिर खुलने के बाद श्रद्धालुओं के चढ़ावे से मंदिर न्यास को 1,52, 593 रुपये का नकद चढ़ावा प्राप्त हो चुका है। उम्मीद है कि श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के साथ चढ़ावे में भी वृद्धि होगी।