प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बिहार के 45 हजार 945 गांवों को ऑप्टीकल फाइबर से जोड़ने की योजना का शुभारंभ किया। पीएम मोदी ने कहा कि आज बिहार के साथ युवा भारत के लिए भी बहुत बड़ा दिन है। आज देश अपने गांवों को आत्मनिर्भर भारत का मुख्य आधार बनाने के लिए जो बड़ा कदम उठाने जा रहा है, उसकी शुरुआत बिहार से हो रही है। इस योजना के तहत 1000 दिनों में देश के 6 लाख गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जाएगा।
बता दें कि पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त, 2020) को लाल किले से दिए अपने संबोधन में कहा था की अगले एक हजार दिनों में देश के सभी छः लाख गांवों को ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट से जोड़ा जाएगा। इसी की शुरुआत उन्होंने बिहार से की है और राज्य में इस कार्य को पूरा करने के लिए 31 मार्च, 2021 तक लक्ष्य भी रखा है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के गांवों में इंटरनेट का उपयोग करने वालों की संख्या कभी शहरी लोगों से ज्यादा हो जाएगी, ये कुछ साल पहले तक सोचना भी मुश्किल था। कहा कि आज भारत डिजिटल ट्रांजेक्शन करने वाले दुनिया के सबसे अग्रणी देशों की कतार में है। अगस्त के ही आंकड़ों को देखें तो इस दौरान लगभग 3 लाख करोड़ रुपए का लेन-देन यूपीआई के माध्यम से हुआ है। कोरोना के इस समय में डिजिटल भारत अभियान ने देश के सामान्य जन की बहुत मदद की है।
पीएम मोदी ने कहा कि इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ने के साथ-साथ अब ये भी जरूरी है कि देश के गांवों में अच्छी क्वालिटी, तेज रफ्तार वाला इंटरनेट भी हो। सरकार के प्रयासों की वजह से देश की करीब डेढ़ लाख पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर पहले ही पहुंच चुका है। कहा कि अब यही कनेक्टिविटी देश के हर गांव तक पहुंचाने के लक्ष्य साथ देश आगे बढ़ रहा है। जब गांव-गांव में तेज़ इंटरनेट पहुंचेगा तो पढ़ाई आसान होगी। हमारे ग्रामीण युवा भी एक क्लिक पर दुनिया की किताबों तक, तकनीक तक आसानी से पहुंच पाएंगे। यही नहीं, टेली मेडिसिन के माध्यम से अब दूर-सुदूर के गांवों में भी सस्ता और प्रभावी इलाज गरीब को घर बैठे ही दिलाना संभव हो पाएगा।
पीएम ने कहा कि रेलवे में रिजर्वेशन कराने के लिए अब शहर की ओर दौड़़ नहीं लगानी पड़ती। कॉमन सर्विस सेंटर से यह गांवों से ही कराया जा सकता है। पीएम ने कहा कि इंटरनेट से किसानों को खेती से जुड़ी हर आधुनिक तकनीक, नई फसलों, नए बीजों, नए तौर-तरीकों और बदलते मौसम की जानकारी रियल टाइम में मिलनी संभव हो पाएगी। यही नहीं, अपनी उपज के व्यापार-कारोबार को पूरे देश और दुनिया में पहुंचाने में भी उनको ज्यादा सुविधा होगी। एक प्रकार से गांव को अब शहरों की ही तरह हर सुविधा घर बैठे मिले, इसके लिए ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है।