आतंकवाद को लेकर घिरने पर अक्सर पाकिस्तान के लिए ढाल बनने वाला चीन जम्मू-कश्मीर में दहशतगर्दी बढ़ाने के लिए अपने सदाबहार दोस्त की मदद करने में जुटा है। चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) में इस्तेमाल किए जा रहे चाइनीज हेक्साकॉप्टर्स के जरिए आईएसआई समर्थित आतंकवादी संगठन हथियारों को जम्मू-कश्मीर में पहुंचा रहे हैं। खास बात यह है कि जिन राइफल्स को लेकर ये ड्रोन और हेक्साकॉप्टर्स भारतीय सीमा में घुस रहे हैं वे भी चीन की सरकारी हथियार कंपनी नोरिनको में बने होते हैं।
संडे गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन हेक्साकॉप्टर्स और T-97 राइफल्स को चीन सरकार ने सीपीईसी की सुरक्षा के बहाने पाकिस्तान फ्रंटियर फोर्स को सौंपा था। भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों का मानना है कि पिछले एक साल में जम्मू-कश्मीर में तेजी से आतंकवादी घटनाओं में कमी की वजह से बौखलाए पाकिस्तान की चीन मदद कर रहा है और अधिक से अधिक हथियारों को आतंकवादियों तक पहुंचाना चाहता है।
ISI ने इन हेक्साकॉप्टर्स और ड्रोन्स का इस्तेमाल यह महसूस करने के बाद किया कि भारतीय सुरक्षा बल इस सिद्धांत पर काम करते हैं कि बिना किसी हथियार के घुसपैठ करने वाले पर फायरिंग ना की जाए। इसलिए आईएसआई ने यह तरीका निकाला कि आतंकवादी और हथियारों को अलग-अलग सीमा के पार भेजा जाए, ताकि एलओसी पर आतंकवादियों के मारे जाने का जोखिम कम हो जाए।
जनवरी के बाद से सुरक्षा बलों ने कम से कम 15 घटनाओं में चाइनीज हथियार बरामद किए जिन्हें किसी व्यक्ति या एलओसी के नजदीक जब्त किया गया। केवल सितंबर में इस तरह के छह मामले सामने आए हैं। 23-24 सितंबर 2020 की रात सुरक्षाबलों ने दो लोगों को जम्मू से दक्षिण कश्मीर जाते हुए गिरफ्तार किया। इसके कब्जे से एक चाइना निर्मित T97 एनएसआर राइफल, 190 राउंड्स के साथ चार मैगजीन, एक एके 47 राइफल, 218 राउंड्स के साथ चार मैगजीन और तीन ग्रेनेड बरामद किए। पूछताछ में पता चला कि इन हथियारों को सांबा में ड्रोन से गिराया गया था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ”जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों को हथियार पहुंचाने के लिए पाकिस्तान और चीन की मिलीभगत हर बीतते दिन के साथ अधिक स्पष्ट होती जा रही है। हमारे पास इस बात के कई सबूत हैं कि भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए चाइनीज सामानों का इस्तेमाल किया जा रहा है।”
23 सितंबर को पांच एके 47 राइफल्स, दो पिस्टल फिरोजपुर ममदोत सेक्टर में बरामद किए गए। 22 सितंबर को दो एके 47 राइफल, एक पिस्टल, तीन एके मैगजीन और 90 राउंड्स गोलियों को पाकिस्तानी ड्रोन के जरिए जम्मू के अखनूर में गिराया गया था, जिसे जम्मू कश्मीर पुलिस ने जब्त किया। इसी तरह 18 सितंबर को दो एके 47 राइफल्स, दो पिस्टल और चार ग्रेनेड को राजौरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर जब्त किया गया, जिसे पाकिस्तान ने ड्रोन के जरिए गिराया था।
14 सितंबर को सुरक्षाबलों ने दो चाइना निर्मित QBZ 95 राइफल्स को उत्तरी कश्मीर के गुरेज सेक्टर में बरामद किया, जब उन्होंने घुसपैठ कर रहे आतंकवादियों को ललकारा। आतंकवादी किशनगंगा नदी में कूदने से पहले हथियार फेंक गए। बाद में दो आतंकवादियों के शव को बरामद किया गया था। इससे पहले 12 सितंबर को एक एके 47 राइफल, एक 16 राइफल और दो पिस्टल को फिरोजपुर कुदियां और 8 सितंबर को एक एके 47, एक एम-4 राइफल, दो मैगजीन, छह पिस्टल को अंतररराष्ट्रीय सीमा पर जब्त किया गया।