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बिहार चुनाव: महागठबंधन में सीटों को लेकर खींचतान जारी, RJD ने कांग्रेस को दिया अल्टीमेटम….

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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इस गठबंधन के दो प्रमुख घटक दलों आरजेडी और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर खींचतान का सिलसिला शुरू हो गया है। कांग्रेसी खेमे की ओर से 243 सीटों पर तैयारी संबंधी बयान के बाद आरजेडी ने दो टूक जवाब दिया है। आरजेडी ने सोमवार को कांग्रेस को 58 विधानसभा और वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट से लड़ने का ऑफर दिया। पहले अंदरखाने कांग्रेस के खाते में 65 से 70 सीटें जाने की उम्मीद जताई जा रही थी। इस नई उलझन के बाद अब सीट बंटवारे की घोषणा में भी कुछ विलंब हो सकता है।

सोमवार को आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने साफ शब्दों में कहा कि कांग्रेस को 58 विधानसभा और एक वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट ही मिलेगी। उनका तर्क था कि कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है और देशभर में लड़़ती है। आरजेडी का बिहार में अधिक सीटों पर लड़ने का स्वाभाविक हक बनता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि एनडीए में घर के चिराग से ही आग लग गई है। महागठबंधन में सबकुछ ठीक है।

महागठबंधन में सीटों को लेकर राजद और उसके सहयोगियों का तालमेल नहीं बैठ पा रहा। मांझी जा चुके हैं। उपेंद्र की विदाई भी लगभग तय मानी जा रही है। वहीं वाम दल अपनी सीटें बढ़ाने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं। वहीं भाकपा माले को जो सीटें दी जा रही हैं, वह उनमें कुछ बदलाव चाहता है। वीआईपी भी सीटों की संख्या बढ़वाने को राजद और कांग्रेस के दिल्ली दरबार तक चक्कर लगा रहा है। अभी तक राजद और कांग्रेस की बातचीत पटरी पर थी मगर कुछ हालिया घटनाक्रमों से वो भी बेपटरी हो चली है। हालांकि दोनों ही दल मामला सुलझने की ही बात कह रहे हैं।

भाजपा नेता पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा है कि बिहार में चुनावी बिसात बिछ चुकी है। लेकिन, विपक्षी दलों को बिसात पर खड़े करने के लिए मोहरे नहीं मिल रहे। वे जुगाड़ टेक्नोलॉजी में लगे हैं। जुगाड़ के सुरमाओं के भरोसे ज़ंग फतह का सपना देख रहे हैं। लेकिन बिहार को जुगाड़ी नहीं, डबल इंजन की गाड़ी चाहिए। मंत्री ने विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए कहा कि लालटेन छाप के कुछ बड़बोले नेता दूसरे दलों के नेताओं के स्वागत को उतावले हैं। जो अपने दल के नेताओं की इज्जत उतारने में कोई कसर नहीं छोड़ते, उन्हें अब बाहर के लोग अच्छे लगने लगे हैं। यह सब दिखावा और छलावा है। जिन्होंने उनकी पार्टी को सींचा, उनको तो अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अब दूसरे को स्वागत करने के लिए माला लेकर खड़े हैं। ये माला लेकर बुलाते रहें लेकिन इनके पास कोई जाने वाला नहीं। सभी जानते हैं कि इस चुनाव में लालटेन ऐसा बु़झने वाला है कि फिर उसमें घोटाला, जातिवाद और परिवारवाद का चाहे कितना भी तेल डालें जलने वाला नहीं।

पूर्व पथ निर्माण मंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के खास सिपहसालार रहे इलियास हुसैन के पुत्र फिरोज हुसैन ने सोमवार को जेडीयू का दामन थाम लिया। जेडीयू सांसद आरसीपी सिंह ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस मौके पर पार्टी प्रदेश कार्यालय में फिरोज हुसैन के कई समर्थक भी जदयू में शामिल हुए। गौरतलब हो कि इलियास हुसैन की पुत्री डा. आसमा परवीन पहले से ही जेडीयू में हैं।

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