चम्बा, हमीरपुर, नाहन प्रत्येक चिकित्सा महाविद्यालय में 15-20 बिस्तरों वाले आइसोलेशन वार्ड की सुविधा उपलब्ध होगी
कोविड-19 रोगियों विशेषकर अन्य गंभीर बीमारियांे से ग्रस्त मरीजों के उचित उपचार के लिए समान रणनीति तैयार करने की आवश्यकता है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज शिमला से उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों व चिकित्सा अधीक्षकों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंस की अध्यक्षता करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने राज्य में कुछ दिनों से कोविड-19 रोगियों की मृत्यु की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि चिकित्सकों को रोगियों का उचित उपचार सुनिश्चित करना चाहिए, विशेषकर जिन्हें अन्य गंभीर बीमारियां भी हैं। उन्होंने कहा कि जो लक्षणहीन रोगी घर पर आइसोलेशन में है, उनके द्वारा भी उचित प्रोटोकाॅल का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह देखा गया है कि ऐसे रोगी जो घर पर हैं, उन्हें उचित उपचार नहीं मिल पाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे रोगियों को भी मानक संचालन प्रक्रिया अनुसार पर उपचार दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 अस्पतालों में उचित स्वच्छता व सफाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोगियों को आवश्यक्तानुसार आॅक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाए जाने चाहिए, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि रोगियों को गर्म पानी, काढ़ा तथा पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाया जाना चाहिए और इसके अतिरिक्त कोविड-19 रोगियों और उनके परिवार के बीच संवाद के लिए प्रणाली विकसित की जानी चाहिए। उन्होंने वरिष्ठ चिकित्सकों को कोविड-19 रोगियों के उचित उपचार के लिए प्रतिदिन स्वास्थ्य जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों तथा बड़े आंचलिक अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश दिए कि वह दिन में दो बार दौरा कर वार्डों में स्वच्छता, रोगियों का उपचार, खाद्य गुणवत्ता तथा शौचालयों की स्वच्छता इत्यादि की सुविधा का निरीक्षण करें।
जयराम ठाकुर ने कहा कि आईजीएमसी शिमला, डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद मेडिकल काॅलेज टांडा, लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल काॅलेज नेरचैक में कोविड-19 के मरीजों की अधिक संख्या के मद्देजजर इन मेडिकल काॅलेजों व अस्पतालों में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित करने पर बल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षणों वाले मरीजों को तुरन्त अस्पताल जाने के लिए प्रेरित करने के लिए सूचना, शिक्षा व संप्रेषण के लिए उचित योजना बनाई जानी चाहिए ताकि बिना विलम्ब उनका उपचार किया जा सके जिससे समय रहते मरीजों की स्थिति संभालने में सहायता होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्बा, हमीरपुर और नाहन मेडिकल काॅलेजों में कल से आईसोलेशन वार्ड क्रियाशील हो जाएंगे जिससे आईजीएमसी शिमला, डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद मेडिकल काॅलेज टांडा, लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल काॅलेज नेर चैक को रेफर किए जाने वाले मरीजों में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि मरीजों की सुविधा के लिए इन मेडिकल काॅलेजों में प्रत्येक में 15 से 20 बिस्तरों वाले आईसोलेशल वार्ड की सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों के उचित कार्य पद्धति के लिए प्रशासन और अस्पताल प्राधिकरण के बीच उचित समन्वय होना चाहिए। अगर आवश्यक हो तो कोविड-19 के मरीजों के लिए उचित सुविधाएं और अन्य जरूरी प्रबन्ध सुनिश्चित करने के लिए एक अलग नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी कोविड मरीज की दुखद मृत्यु होने पर परिवार को शव सौंपने के उपाय करने चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने चिकित्सकों व अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ से रोगियों के उपचार के लिए समर्पण भावना से कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने कोविड रोगियों की आवश्यकतानुसार भोजन प्रदान करने को कहा।
मुख्य सचिव अनिल खाची ने कोविड रोगियों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत पर बल दिया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जेसी शर्मा, प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा व अन्य अधिकारियों ने भी बैठक में भाग लिया।