उत्तर प्रदेश के हाथरस की गैंगरेप पीड़ित युवती की दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। बेटी को इंसाफ और दोषियों को फांसी दिलाने की मांग को लेकर युवती के परिजन अब भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं के साथ अस्पताल के बाहर भूख हड़ताल पर बैठ गए गए हैं। इसके साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी मंगलवार शाम को सफदरजंग अस्पताल में कैंडल मार्च निकालकर हाथरस गैंगरेप पीड़िता के लिए इंसाफ की लड़ाई में उसके परिवार को मदद का भरोसा दिया।
परिजनों का आरोप है कि उत्तर प्रदेश प्रशासन इस मामले को दबाने के लिए लीपापोती की कोशिश कर रहा है। बताया जा रहा है कि पीड़िता शव को पोस्टमॉर्टम के लिए किसी दूसरी जगह ले जाया गया है, लेकिन युवती के पिता और भाई को वहीं छोड़ दिया गया है, इसलिए वे सफदरजंग अस्पताल के बाहर ही भूख हड़ताल पर बैठे हैं। परिजनों का आरोप है कि उनकी बेटी का शव उन्हें नहीं दिया जा रहा है।
हाथरस गैंगरेप पीड़िता की मौत की खबर मिलने के बाद सैकड़ों की तादाद में दिल्ली पहुंचे भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा किया और रिंग रोड को कुछ समय के लिए जाम कर दिया।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे चंद्रशेखर आजाद रावण ने गैंगरेप पीड़िता का पोस्टमॉर्टम में घपलेबाजी का आरोप लगाते हुए कहा कि पोस्टमॉर्टम कराने के लिए डॉक्टरों का एक विशेष बोर्ड बनाया जाए। उन्होंने कहा कि लड़की के साथ अत्याचार हुआ है, उसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। रावण ने कहा कि जब तक दलित लड़की को इंसाफ नहीं मिल जाता उनका आंदोलन जारी रहेगा।
इस दौरान भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने अस्पताल के अंदर जमकर उत्पात मचाया और बैरिकेड उठाकर फेंकने लगे। इसके साथ ही वे दिल्ली पुलिस मुर्दाबाद और योगी सरकार मुर्दाबाद के नारे भी लगाते दिखे। प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए सफदरजंग अस्पताल में सीआरपी को बुलाया गया है।
गौरतलब है कि हाथरस में गैंगरेप की शिकार 19 वर्षीय दलित युवती की मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में 14 सितंबर को 19 साल की एक दलित युवती के साथ कथित तौर पर गैंगरेप की वारदात हुई थी। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।