उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक दलित युवती से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार के बाद हुई क्रूरता के कारण गई जान को लेकर देशव्यापी आक्रोश है। विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इन सब के बीच आ रही मेडिकल और फॉरेंसिक रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है। मेडिकल जांच रिपोर्ट के बारे में बात करते हुए हाथरस के जिला अधिकारी प्रवीण कुमार ने कहा कि पीड़ित के निजी अंगों पर कोई चोट नहीं थी। डीएम ने यह भी कहा कि कुछ पुलिसकर्मियों में कोरोना के लक्षण पाए गए हैं। अगर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जा सकता है।
कुछ पुलिसकर्मियों में कोविड-19 के लक्षण पाए जाने के बाद कथित तौर पर गांव में पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगाने की खबर भी सामने आई थी। इस बारे में डीएम ने कहा, ‘हमने इन पुलिसकर्मियों से कोरोना टेस्ट कराने के लिए कहा है। यदि वे कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं तो गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जा सकता है। इसके बाद मीडिया सहित बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लग जाएगी।’
इन सब के बीच मामले की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी भी अपनी पक्रिया शुरू कर चुकी है। जिला अधिकारी ने बताया कि युवती के परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत करने के एसआईटी की टीम गुरुवार को गांव पहुंची थी। एसआईटी बयान दर्ज कर रही है और अपराध स्थल का मुआयना भी किया है।
डीएम प्रवीण कुमार ने कहा कि हाथरस जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। गैरकानूनी तरीके से भीड़ लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। धारा 144 के लागू होने के बाद चार या इससे अधिक लोगों के एक समय पर, एक जगह इकट्ठा होने की अनुमति नहीं रहती है।
बता दें कि 14 सितंबर को गांव चंदपा की युवती अपनी मां के साथ खेत में गई थी और आरोप के मुताबिक सासनी निवासी एक युवक ने उस पर जानलेवा हमला किया था। युवती ने सीओ सादाबाद को दिए बयान में तीन और युवक के नाम बताए थे, जिसके बाद पुलिस ने केस में गैंग रेप की धारा बढ़ा दी थी। इस मामले में पुलिस चारों आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।