सावधान! अगर आप घंटों एक ही स्थिति में बैठकर काम करते हैं तो इसमें थोड़ा बदलाव कीजिए, अन्यथा आप गठिया रोग के शिकार हो सकते हैं। कोरोनाकाल में वर्क फॉर्म होम में भी सावधानी की जरूरत है। दरअसल, आमतौर पर 50 वर्ष की आयु के बाद होने वाला यह रोग अब युवाओं को भी अपना शिकार बना रहा है। शहर के हड्डी रोग विशेषज्ञों का यह दावा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक गठिया रोग दो प्रकार का होता है। पहला ऑस्टियो आर्थराइटिस और दूसरा रहूमोंटाइड आर्थराइटिस है। पहला आर्थराइटिस बढ़ती उम्र वालों को अधिक होता है। जबकि दूसरा रहूमोंटाइड आर्थराइटिस कम उम्र में भी हो जाता है, यह अनुवांशिक होता है। करीब बीस फीसदी युवा भी इस रोग से पीड़ित हैं।
जिला राजकीय नागरिक अस्पताल में बीते वर्ष 2019 में करीब 14 हजार गठिया रोगी मरीजों का इलाज किया गया। इनमें 2855 मरीज 35 वर्ष से कम आयु के थे। विशेषज्ञों के मुताबिक, घंटों एक ही स्थिति में बैठकर काम करना, बढ़ती धुम्रपान की लत और तनाव इसका मुख्य कारण है।
राजकीय अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. रविशंकर गौड़ बताते हैं कि युवाओं की बदलती लाइफ स्टाइल के कारण अस्पताल में आर्थाराइटिस के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। बीस फीसदी से अधिक युवा मरीज हैं। विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. सुरेश अरोड़ा बताते हैं कि बढ़ती उम्र में सर्दियों में होने वाला यह रोग जोड़ों के घिसने व कमजोर होने के कारण होता है। मगर अब यह किसी भी उम्र और मौसम में हो सकता है। हड्डी जोड़ों में यूरिक एसिड के जमा होने से जोड़ों में संक्रमण हो जाता है।
व्यायाम-उपचार जरूरी-
विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. सुरेश अरोड़ा बताते हैं कि सबसे पहले शरीर का वजन नियंत्रित करना चाहिए। प्रतिदिन का व्यायाम, नियमित उपचार और फिजियोथ्रेपी के माध्यम से इस बीमारी पर अंकुश लगाया जा सकता है। गंभीर रोगियों को घुटने में इंजेक्शन देकर दर्द काबू किया जा सकता है।
ऐसे घेरती है बीमारी-
अधिक धुम्रपान, तनाव व घटों एक ही जगह पर बैठकर काम करना। मादक पदार्थों का सेवन, खाने में पौष्टिक तत्वों की कमी, व्यायाम नहीं करना इसके कारण है। ऐसे में हाथ पैरों में दर्द होना शुरू हो जाता है। दर्द होने पर तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें। शुगर, यूरिक एसिड की नियमित जांच कराएं।
गठिया के लक्षण-
जोड़ों में अकड़न व सूजन, तेज दर्द, जोड़ो से तेज आवाज आना, उंगलियों या दूसरे हिस्से का मुड़ने लगना। डॉक्टरों के मुताबिक, शुरुआत में अर्थराइटिस के लक्षण भी नहीं होते हैं। मगर इस रोग में हड्डियों के जोड़ में अकड़न के साथ दर्द होना शुरू होता है। कुछ समय बाद जोड़ों में असहनीय दर्द होने लगता है। जोड़ों में सूजन आने लगती है।
बचाव के उपाए-
-वजन कम करें और नियमित रूप से व्यायाम करें
-सूर्योदय से पहले उठकर सैर करें
-सुबह की धूप अवश्य ले
-अधिक देर एक स्थिति में न बैठें
-उठने, बैठने और चलने में सही स्थिति का पालन करें
-गुनगुना पानी और पौष्टिक आहार लें