कोरोना के इस दौर में काफी कुछ बदल गया है. लोगों की लाइफस्टाइल से लेकर ट्रैवल करने के तरीकों में भी बदलाव आया है. अब लोग ट्रैवल के लिए अपने निजी वाहन को प्राथमिकता दे रहे हैं. वहीं, कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने साइकिल खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. यही वजह है कि बीते 5 महीने में साइकिल की बिक्री दोगुनी हो गई है.
क्या कहते हैं बिक्री के आंकड़े
साइकिल विनिर्माताओं के राष्ट्रीय संगठन एआईसीएमए के अनुसार मई से सितंबर 2020 तक पांच महीनों में देश में कुल 41,80,945 साइकिल बिक चुकी हैं. ऑल इंडिया साइकिल मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन (एआईसीएमए) के महासचिव केबी ठाकुर कहते हैं कि साइकिलों की मांग में बढ़ोतरी अभूतपूर्व है. शायद इतिहास में पहली बार साइकिलों को लेकर ऐसा रुझान देखने को मिला है.
‘‘इन पांच महीनों में साइकिलों की बिक्री 100 प्रतिशत तक बढ़ी है. कई जगह लोगों को अपनी पसंद की साइकिल के लिए इंतजार करना पड़ रहा है, बुकिंग करवानी पड़ रही है.’’संगठन ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद लॉकडाउन के कारण अप्रैल महीने में देश में एक भी साइकिल नहीं बिकी. मई महीने में यह आंकड़ा 4,56,818 रहा.जून में यह संख्या लगभग दोगुनी 8,51,060 हो गयी जबकि सितंबर में देश में एक महीने में 11,21,544 साइकिल बिकीं. बीते पांच महीने में कुल मिलाकर 41,80,945 साइकिल बिक चुकी हैं.
क्या है इसकी वजह
जानकारों के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण महामारी ने लोगों को अपनी सेहत व इम्युनिटी को लेकर तो सजग बनाया है. इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर भी लोग सचेत हुए हैं. ऐसे में साइकिल उनके लिए ‘एक पंथ कई काज’ साधने वाले विकल्प के रूप में सामने आई है. वहीं, अनलॉक के दौरान सड़कों पर वाहनों की संख्या व प्रदूषण में कमी के कारण भी लोग साइक्लिंग को लेकर प्रोत्साहित हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि ज्यादा लोग पहली बार साइकिल खरीद रहे हैं. देश में पहली बार लोगों का साइकिल को लेकर ऐसा रुझान देखने को मिला है. एक अनुमान के अनुसार भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा साइकिल विनिर्माता देश है.