मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनावों को लेकर कांग्रेस ने शनिवार को राहुल और प्रियंका गांधी वाड्रा की फोटो के साथ दोबारा अपने वचन पत्र का विमोचन किया। हालांकि, अब इस वचन पत्र से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह गायब हैं। शनिवार को पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने सरकारी आवास पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी और पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा की उपस्थिति में इसे जारी किया।
इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि पुराने वचन पत्र के न तो वचन निभाए और न ही वादे पूरे किए। लिखा और भूल गए। लिखा और कहा भी था कि 10 दिन में पूरा कर देंगे। वो पूरे हुए नहीं। नए करने कहा गया। वादे हैं, वादों का क्या? और दूसरा वो जानते हैं कि करना तो कुछ है नहीं। केवल लिखना है। जनता इनके वादे और वचन इनकी असलियत सब जानती हैं। भाजपा नेता और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी तंज कसा है। उन्होंने कहा कि यह कमलनाथ का वचन नहीं, कपट पत्र है। जनता सब जानती है।
कमलनाथ ने कहा कि पिछले वचन पत्र में 974 मुद्दे शामिल थे। 15 महीने की सरकार में इनमें से 574 वचन किए पूरे किए। जनता इसकी गवाह है। कोविड का शुरू में तो शिवराज मजाक उड़ाते थे। पिछले 7 महीने में नारियल फोड़ने, बेमतलब की बात करने में गवां दिए। इस उपचुनाव में जनता शिवराज से मुंह नहीं मोड़ेगी, बल्कि तमाचा मारेगी। हम मध्य प्रदेश के अगले 3 साल का रोडमैप बना रहे हैं। जनता ने 15 साल बाद भाजपा को घर बैठाया था। कोरोना में मृत व्यक्तियों के परिवार को पेंशन दी जाएगी। हम 2 लाख तक का किसानों का ऋण माफ करेंगे। बिना ब्याज का ऋण का मुद्दा भी शामिल है। इसमें कुल 52 मुद्दे शामिल किए गए हैं।
कमलनाथ ने कहा कि इनका (भाजपा) चुनाव प्रचार तो बीते 7 महीने से चल रहा था। हमने अभी 4 दिन से शुरू किया है। जनता आने वाले दिनों में हमारे इस वचन पत्र में विचार करके अपना फैसला ले। अकेले प्रचार में दिखाई देने पर कहा- ऐसी बात नहीं है मैं कोई सुपर स्टार नहीं हूं। बल्कि मैं कोई स्टार ही नहीं हूं। स्टार तो शिवराज सिंह चौहान हैं, जिन्हें मुंबई जाना चाहिए। वो तो एक्टिंग में शाहरुख खान को भी डुबो देंगे।
शारदीय नवरात्रि के मौके पर शनिवार को कांग्रेस ने मुख्य वचनपत्र जारी किया। इसे कांग्रेस उपचुनावों के लिए मुख्य वचनपत्र बता रही है। कांग्रेस का कहना है कि इसमें सभी प्रमुख नेताओं की तस्वीरें हैं और राहुल गांधी की तस्वीर क्यों नहीं होगी। दरअसल, पहले जो वचनपत्र जारी किए गए थे, वो विधानसभाओं के लिए थे, उनमें राहुल गांधी की तस्वीर होना जरूरी नहीं था।