हिमाचल प्रदेश के पहले हेलीपोर्ट का 90 फीसदी काम पूरा हाे गया है। संजाैली में बन रहे 10 फीसदी डेस्क स्लैब का काम पूरा हाेने के बाद यहां टेस्ट लैंडिंग हाेगी। जिसके बाद शिमला शहर के नजदीक ही हेलीकॉप्टर की सुविधा मिल जाएगी। पर्यटन विभाग ने नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को लेटर लिखकर टेस्ट लैंडिंग की मांग की है।
इसके पूरी तरह से तैयार हाे जाने से घटों का सफर मिनटों में तय किया जा सकेगा। अभी लोगों को हेलीकॉप्टर या हवाई जहाज में सफर करने के लिए 25 किलोमीटर दूर जुब्बड़हट्टी जाना पड़ रहा है। ऐसे में अब शहर के बिलकुल बीचाें बीच हेलीपाेर्ट बनेगा। यहां एक साथ तीन हेलीकॉप्टर खड़े हो सकेंगे।
सुरक्षा की दृष्टि से स्कैनर लगेंगे। यहां पर प्रदेश सरकार का हेलीकॉप्टर उतरने के साथ ही हेलीटैक्सी के तहत सेवाएं देने वाली कंपनियों को भी स्थान मिलेगा। एक घंटे के भीतर प्रदेश के किसी भी स्थान पर पहुंचा जा सकेगा। विमानों की उड़ान के लिए जिस तरह एयरपोर्ट का निर्माण किया जाता है, उसी तरह हेलीकॉप्टर की उड़ान के लिए हेलीपोर्ट बनाया जाता है।
ये हाेता है डेस्क स्लैबः हेलीपाेर्ट पर बनने वाला डेस्क स्लैब सबसे महत्वपूर्ण हाेता हैं। ये वाे बीच का हिस्सा हाेता है, जहां पर हेलीकाॅप्टर लैंड करता हैं। इसे बनाने के लिए सरियाें का जाल बिछा दिया गया हैं। अब सिर्फ सीमेंट के साथ लैंटर डाला जाना हैं। जिसके बाद इसमें एच आकार का निशान लगा दिया जाएगा। इसके बाद यहां पर टेस्ट लैंडिंग हाेगी और हेलीपाेर्ट काे अंतिम मंजूरी दे दी जाएगी।
10.85 कराेड़ की लागत से बन रहाः शिमला में बन रहे इस हेलीपोर्ट को 10.85 कराेड़ की लागत से बनाया जा रहा है। इस हेलीपोर्ट को बनाने के लिए फाॅरेस्ट और इनवायरमेंट क्लीयरेंस मिलने में काफी समय लगा। पर्यटन ही नहीं आपात स्थिति में भी उपयाेगी हेलीपोर्ट न सिर्फ पर्यटकों को सेवाएं प्रदान करेगा, बल्कि आपातकालीन परिस्थितियों में भी उपयोगी साबित होगा।
ये सुविधाएं मिलेंगीः शिमला के संजौली में बनने वाले इस हेलीपोर्ट की दूरी रिज मैदान से महज चार किलोमीटर है। जबकि सचिवालय से आठ किलोमीटर दूर है। यहां पर 50-50 मीटर की लैंडिंग साइट बनाकर तैयार की गई है। यहां पर कंकरीट का धरातल भी तैयार कर दिया गया। किसी आपात स्थिति के लिए एंबुलेंस रहेगी। यहां विश्राम स्थल और अन्य सुविधाएं भी होंगी।
दिल्ली में बना था देश का पहला हेलीपाेर्टः देश में पहले से ही 1141 हेलीपोर्ट हैं। जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका में 5664 हैं। अमेरिका के बाद भारत दूसरे स्थान पर है। दिल्ली का रोहिणी हेलीपोर्ट देश का पहला हेलीपोर्ट है। ऐसे मेें हिमाचल का पहला हेलीपाेर्ट संजाैली बन रहा है। हेलीपोर्ट के समीप पार्किंग की सुविधा देने पर भी काम चल रहा है।
हेलीपोर्ट में सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। हमारा प्रयास है कि जल्द निर्माण कार्य पूरा करें। इसका सबसे ज्यादा फायदा शहर के लाेगाें काे मिलेगा। बाहरी राज्य से अाने वाले पर्यटक शहर के बीचाें बीच मिनटाें में पहुंच जाएंगे।