शुक्रवार को शारदीय नवरात्र की अष्टमी है। इस दिन मां के दरबार में विशेष पूजन हो रहा है। समस्त पुजारी वर्ग द्वारा इस अवसर पूजा-अर्चना की जाएगी। मंदिर न्यास के अधिकारी भी इस दौरान उपस्थित रहेंगे। अष्टमी के दिन चिंतपूर्णी मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में भी वृद्धि होने का अनुमान है। इसी को ध्यान में रखते हुए मेला प्रशासन ने प्रबंधों की दोबारा समीक्षा की है और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं देने की बात कही है।
शारदीय नवरात्र में अष्टमी का विशेष महत्व होता है। ऐसे में पुरानी परंपरा के अनुसार मां की पावन पिडी का श्रृंगार दिन में तीन बार किया जाएगा। अष्टमी की पूजा सुबह ठीक दस बजे शुरू होगी और दोपहर का नियमित समय से कुछ देर बाद पुजारी वर्ग द्वारा भोग लगाया जाएगा। इसके बाद मां के दरबार में ही कन्या पूजन होगा। पंजाब के श्रद्धालु ने की छप्पन भोग लगाने की व्यवस्था