Home राष्ट्रीय जल्द सुलझ जाएगा किसानों का मामला:कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर….

जल्द सुलझ जाएगा किसानों का मामला:कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर….

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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बातचीत के जरिये किसानों की चिंता का समाधान किए जाने की उम्मीद जताई है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के प्रति प्रतिबद्ध है. हमें उनसे तीन दौर की बातचीत कर चुके हैं. उम्मीद है बातचीत से समस्या हल हो जाएगी.

न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘यह कानून का कभी हिस्सा नहीं रहा है. पीएम मोदी चाहते हैं कि यह किसानों को दिया जाए. उन्हें लाभ मिल रहा है. यूपीए की तुलना में एनडीए सरकार में डबल खरीद की गई है. एमएसपी के लिए नियमित प्रयास किए जा रहे हैं, मोदी जी ने आश्वासन दिया है और आगे भी जारी रहेगा.’

विपक्ष के सवाल पर कृषि मंत्री ने कहा कि सब कुछ कानून के दायरे में नहीं लाया जा सकता है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच की आशंका पर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘हर संगठन का अपना नजरिया होता है, लेकिन सरकार को समग्र दृष्टिकोण रखना होता है. हमने यह सुनिश्चित किया कि कृषि क्षेत्र में पैसा होना चाहिए और 2022 तक किसानों की आय को दोगुना बनाने का अभियान चल जा रहा है. यह मोदीजी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.’

कृषि मंत्री ने यह भी साफ किया कि कानून ही एक मात्र रास्ता नहीं है. नरेंद्र सिंह तोमर ने सरकारी मंडी और प्राइवेट मंडियों पर टैक्स नहीं लगाने के सवाल पर कहा कि सरकार मंडी में APMC अधिनियम का पालन किया जाता है. राज्य  APMC टैक्स का फैसला करते हैं. नए व्यापार अधिनियम के तहत पंजाब, हरियाणा की मंडियों पर कम से कम टैक्स लग रहा है.

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि 17 राज्यों में नया कृषि कानून लागू किया गया है. पंजाब में मंडी व्यवस्था मजबूत है. मंडी प्रणाली की धारणा वहां से अधिक प्रचलित हो रही है. बिहार में APMC के खत्म होने के सवाल पर भी उन्होंने जवाब दिया. मंत्री ने कहा कि बिहार में APMC खत्म हुई उसका ऐतिहासिक कारण है. मैं उसे बता रहा हूं. मैं सार्वजनिक रूप से बोलना नहीं चाहता. लेकिन सामान्य रूप से किसान को निजात ही मिली है. क्योंकि जब वहां मंडी थी तो शोषण की चरम सीमा थी. इसी से त्रस्त होकर उस समय APMC को खत्म करने की स्थिति आई. लेकिन जब हम कोई कानून बना रहे होते हैं या बदल रहे होते हैं तो उसके साथ बाकी सब चीजों का काम करना भी जरूरी होता है. सिर्फ कानून ही पर्याप्त नहीं होता है.

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जब हमने ये कानूनी सुधार किया, उससे पहले गांव गांव में इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ें. उसके लिए 1 लाख करोड़ रुपये का फंड का प्रावधान किया. उस पर काम शुरू हो गया.

किसान आंदोलन में खालिस्तान या शरारती तत्वों की घुसपैठ के सवाल पर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अभी जिन लोगों से बातचीत चल रही है वो लोग खेती-किसानी करने वाले लोग हैं. उन्हें किसानी का अनुभव भी है. मुझे लगता है कि जो आंदोलन है वह किसानों का है. किसानों के आंदोलन के जो नेता हैं उनसे बात करना मेरा धर्म है.

कृषि कानूनों संबंधी बिल पर किसानों की राय नहीं लिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि 2003 में स्वामीनाथन आयोग की स्थापना हुई थी और सुधार संबंधी उनकी सिफारिशें 2006 में आई थीं. शतकरी संगठन के शरद जोशी ने भी यही सलाह दी और इसकी मांग की थी. कांग्रेस के 2019 घोषणापत्र में यह भी था. इसलिए यह प्रक्रिया काफी समय से चल रही थी. बस मोदी जी ने अपने दूसरे कार्यकाल में पहल की है और इसे बढ़ाया है.

किसानों के मौजूदा प्रदर्शन पर कृषि मंत्री ने कहा कि यह किसान आंदोलन है. यह मेरा धर्म है. जल्द ही इसका समाधान खोज लिया जाएगा. किसानों के मुद्दे पर राजनीति किए जाने के सवाल पर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान संघों ने यह सुनिश्चित किया है कि राजनीति उसका हिस्सा न हो. विपक्ष को भी ऐसा नहीं करना चाहिए.

कृषि मंत्री ने कहा कि छोटे किसानों को सरकार से अधिक सहायता की आवश्यकता है. हम जानते हैं कि छोटे निवेशकों (2 एकड़) तक ज्यादा मदद नहीं पहुंचती है. लेकिन इसे सुनिश्चित करेंगे. इसलिए नीति ऐसी होनी चाहिए जिससे उनकी समस्याओं का समाधान निकल सके.

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