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नवीन क्षेत्रों में पर्यटन विकास कर रोजगार बढ़ाया जाएगा : मुख्यमंत्री श्री चौहान….

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पर्यटन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश निरंतर प्रगति पथ पर अग्रसर है। प्रदेश में पर्यटन विकास की असीम संभावनाएं निरंतर रहेगी। यहां ऐतिहासिक धरोहर, संस्कृति, परम्पराएं, वन सम्पदा, सदानीरा नदियां और पर्यटन की दृष्टि से अनेक धरोहरें हैं। पर्यटन विकास की नयी संभावनाओं पर कार्ययोजना बनायी जाये जो पर्यटकों को आकर्षित करें और रोजगार भी बढ़ायें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के संचालक मंडल की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में पर्यटन मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव पर्यटन श्री शिवशेखर शुक्ला, प्रमुख सचिव वित्त श्री मनोज गोविल और संचालक मंडल के सदस्यगण मौजूद थे।

बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश के धार, शहडोल और बालाघाट में नये फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट स्थापित होंगे। वर्तमान में खजुराहो, रीवा और जबलपुर में फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट स्थापित है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यहां से डिप्लोमा और डिग्री लेकर निकलने वाले विद्यार्थियों को रोजगार मिले, इस दिशा में भी विशेष ध्यान दिया जाये। अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्र-छात्राओं को इन संस्थाओं का विशेष लाभ मिले।

ऐतिहासिक महत्व के नगर ओरछा और ग्वालियर में यूनेस्को नई दिल्ली द्वारा हिस्टोरियल लैण्डस्केप रिकमेन्डेशन लागू करने की योजना बनाने के लिये अनुसंधान किया जाएगा। ताकि सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक मूल्यों को खोए बिना ऐतिहासिक शहरों के विकास की कार्ययोजना तैयार की जा सके। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये कि स्थानीय संस्थाओं नगर निगम, स्मार्ट सिटी कार्यालय, जिला प्रशासन इस कार्य में पूरा सहयोग करें।

इसी तरह यूनेस्को विश्व धरोहरों की सूची में माण्डू और ओरछा को सम्मिलित करने के लिये नामिनेशन डोजियर तैयार कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग भारत सरकार के माध्यम से यूनेस्को को प्रेषित किया जायेगा। ज्ञातव्य है कि मांडू और ओरछा कई वर्षों से यूनेस्को विश्व धरोहरों की संभावित सूची में सम्मिलित है। यूनेस्को की स्थायी सूची में सम्मिलित कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। जिससे विदेशी पर्यटकों के आगमन में वृद्धि हो सके और पर्यटन एवं रोजगार के अवसर बढ़े।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये कि मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों में थीम आधारित म्यूजियम की स्थापना की जाये। प्रथम चरण में ग्वालियर में म्यूजियम आफ म्यूजिक और पन्ना या खजुराहो में डायमण्ड म्यूजियम या डायमण्ड टूर स्थापित किया जाये। म्यूजियम से ज्ञानवर्धन होता है। रोजगार बढ़ता है। उन्होंने भोपाल के ट्राइबल म्यूजियम को अद्वितीय बताया और कहा कि इस म्यूजियम में पर्यटकों की संख्या बढ़े, ऐसा प्रयास करें।

बताया गया कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये विशेष पर्यटन स्थलों हेतु विशिष्ट तकनीक आधारित वर्चुअल टूर्स शो करने की भी योजना है। जिसमें पर्यटक को वाल्यूमीट्रिक कैप्चर टेक्नोलॉजी, आब्जेक्ट इन्टरएक्शन एवं कम्प्यूटर ग्राफिक इमेजिंग तकनीक के माध्यम से किसी भी पर्यटन स्थल, स्मारकों एवं उसकी विशिष्टताओं का 3डी अनुभव कराया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आदि शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा स्थापना कार्य तथा महाकाल परिसर विकास योजनाओं में प्रगति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश की फिल्म नीति का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये। मध्यप्रदेश में फिल्म निर्माण की गतिविधियां बढ़ी हैं। यह प्रसन्नता की बात है।

बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड द्वारा सूचीबद्ध संस्था के साथ मिलकर राष्ट्रीय उद्यानों के बफर एरिया में निजी निवेशकों के सहयोग से पन्ना, कान्हा, पेंच और बांधवगढ़ में पांच कैम्प साइट्स का विकास किया गया है। पचमढ़ी स्थित हवाई पट्टी की लम्बाई चार हजार फिट तक विकसित करने आवश्यक परीक्षण का कार्य प्रगति पर है। पचमढ़ी में गोल्फ कोर्स विकसित करने पर विचार किया गया।

ग्रामीण पर्यटन के अंतर्गत 10 ग्रामों में हितग्राहियों द्वारा होम स्टे का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें पर्यटन स्थल में पर्यटकों को रूकने के लिये कक्षों का निर्माण किया जाता है।

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