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किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए उपयोगी होंगे नए कानून: मुख्यमंत्री श्री चौहान…

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नए कृषि कानून किसानों की आर्थिक उन्नति में उपयोगी होंगे। मध्यप्रदेश में किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) अनुबंध मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 का प्रभावी क्रियान्वयन हो रहा है। मंडी के अलावा फसल को बेचने के वैकल्पिक उपायों का लाभ किसानों को मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश के सिंचाई रकबे में निरंतर वृद्धि की जाएगी। यह राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। भगवान के बाद मेरे लिए किसान है। वो धरती पर अन्न उगाता है। खून-पसीना एक करता है। हमारी व्यवस्था का केन्द्र बिन्दु है किसान। सिंचाई साधनों का विस्तार धरती पुत्र किसानों के लिए वरदान होता है। प्रदेश के सिंचाई रकबे को 65 लाख तक पहुंचाया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी किसानों की आय दोगुनी करना चाहते हैं। मध्यप्रदेश इस लक्ष्य को पूरा करने में सक्रिय रहेगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आज मिंटो हॉल में सिंचाई योजनाओं के वर्चुअल लोकार्पण और भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

भरपूर गेहूँ उत्पादन से मिली कोरोना काल में राहत

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में निर्मित सिंचाई क्षमता का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। इस वर्ष गेहूँ उत्पादन उपार्जन में मध्यप्रदेश ने पंजाब को पीछे छोड़ दिया। कोरोना काल में कम से कम अन्न का कोई संकट नहीं रहा। इस अवधि में यह राहतकारी सिद्ध हुआ। प्रदेश में कृषि अधोसंरचना को सशक्त बनाया जाएगा। किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को आंदोलन का रूप देंगे। हमारा लक्ष्य किसानों की हालत को बदलना है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई रकबा सिर्फ सात-आठ लाख हेक्टेयर हुआ करता था जिसे बढ़ाकर हम चालीस लाख हेक्टेयर के आगे ले गए। अब 65 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य है। एक-एक इंच कृषि भूमि सिंचित होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आने वाले एक वर्ष में 30 हजार करोड़ रूपए की योजनाएं मंजूर की जाएंगी। नर्मदा जल का पूरा उपयोग किया जाएगा। तीन वर्ष में नर्मदा योजनाओं के क्रियान्वयन को भी पूर्ण किया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी की पहल पर किसान रेल चल रही है। किसानों को उत्पादन का सही मूल्य मिले इसके लिए निरंतर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। प्रदेश में 27 वृहद, 47 मध्यम और 287 लघु सिंचाई परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। इनकी लागत 60 हजार 737 करोड़ है। इन सभी की सिंचाई क्षमता 24 लाख हेक्टेयर होगी। इस लक्ष्य को पूरा करने का काम शुरू हो चुका है। करीब चार लाख हेक्टेयर क्षेत्र में आंशिक सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई जा चुकी है। स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोविड-19 की वजह से योजनाओं के निर्माण पर कुछ फर्क पड़ा है लेकिन इस वर्ष करीब 100 परियोजनाएं पूरी कर सवा लाख हेक्टेयर में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता विकसित करने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज लोकार्पित 50 योजनाओं की लागत 384.35 करोड़ रूपये है। इनसे 16 हजार 336 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा। प्रदेश के 9 जिलों के 131 ग्रामों के किसान लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने रतलाम जिले की 7.82 करोड़ रूपये की तीन अन्य सिंचाई योजनाओं के लिए भूमिपूजन भी किया।

किसानों की योजनाओं को लग गया था ग्रहण, हमने फिर शुरू किया किसान कल्याण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में फसल बीमा योजना की राशि जमा नहीं की गई थी। किसानों के वर्ष 2019 में वचन नहीं निभाए गए। किसान सम्मान निधि का लाभ किसानों को दिलवाने के लिए पात्र हितग्राहियों की सूची नहीं भिजवाई गई, जिसके फलस्वरूप प्रधानमंत्री किसान निधि के लाभ से प्रदेश के किसान वंचित हुए। अब योजना पुन: गति में आएगी, इसके अंतर्गत किसान को मिलने वाली 6 हजार रूपए की राशि में 4 हजार का योगदान राज्य सरकार दे रही है। हमने 70 लाख से अधिक किसानों की सूची तैयार की। आवश्यकता हुई तो अन्य पात्र किसान भी इसमें जोड़े जाएंगे। लघु और सीमांत कृषकों के लिए इस योजना के 10 हजार रूपए काफी महत्व रखते हैं।

नए कानून करेंगे किसानों का कल्याण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज कुछ लोग नए किसान कानूनों का विरोध कर रहे हैं। नए कानून किसानों के लिए कल्याणकारी हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के रहते किसानों के हितों से कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह स्पष्ट किया गया है कि नए कानूनों के तहत मंडी बंद नहीं होगी। किसान मंडी के बाहर भी उत्पादन बेच सकेगा। व्यापारी को उत्पादन बेचने पर उसे यदि अधिक मुनाफा होता है तो यह किसान का अधिकार होना ही चाहिए। इनमें किसको आपत्ति है? मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसान अपना उत्पादन निर्यातक को भी बेच सकता है एवं निजी मंडी को भी। इसी तरह यह भी प्रावधान किया गया है कि क्रेता और विक्रेता के आपस में बोनी के समय हुए समझौते के बाद बाजार की स्थितियां बदलने पर क्रेता निर्धारित कीमत से कम में उत्पादन लेते हैं और इससे किसान को नुकसान हो रहा है तो ऐसे मामलों में सरकार की तरफ से एक्शन लिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने होशंगाबाद जिले में हाल ही में किसानों से उच्चतम मूल्य पर ‍धान खरीदने का उदाहरण भी दिया। इस मामले में राइस कम्पनी ने बाजार में धान की कीमत बढ़ने पर किसानों से क्रय करने से इंकार कर दिया था। किसानों की जागरूकता और प्रशासन की कार्रवाई से किसानों को वाजिब मूल्य प्राप्त हुआ।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नए कानून किसानों के कल्याण के लिए हैं। प्रतिस्पर्धा हो और किसान उत्पादन कहीं भी बेचें, यह उनका अधिकार है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि पूर्व में स्टाक की सीमा थी, अब नए कानून में नहीं होगी। भारत सरकार अधिकतम खरीदी का रास्ता खुला रखना चाहती है। उससे यदि किसान का ज्यादा लाभ है तो इससे किसी को आपत्ति नहीं होना चाहिए। तीनों किसान कानून किसान हित में हैं।

जल संसाधन राज्य मंत्री श्री रामकिशोर कांवरे ने सिंचाई परियोजनाओं के उद्घाटन समारोह में कहा कि मध्यप्रदेश सरकार का सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य हर किसान के खेत तक पानी पहुंचाना है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने यह प्रण लिया है कि हर छोटे-बड़े और मझोले किसानों के खेत तक पानी पहुंचाया जाए। इसके लिए लगातार प्रयास जारी हैं। मध्य प्रदेश में खेती में उत्पादन वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं जिन्हें पूर्ण करने का लक्ष्य श्री शिवराज सिंह चौहान ने उठाया हुआ है। वे लगातार नई योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए प्रयासरत हैं।

किसानों से बातचीत

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज जल संसाधन विभाग की योजनाओं के लोकार्पण कार्यक्रम में किसानों से भी बात की। रतलाम के किसान श्री कन्हैया मदान ने बताया कि बांध बनने से 2200 हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी और किसानों की उपज में वृद्धि होगी। भीमरावत गांव के आस-पास के किसान नींबू और अमरूद बहुतायत में उगाते हैं और फसल को जयपुर बिकने के लिए भेजते हैं। रतलाम में वर्षा का पानी गिरा था, अभी मौसम ठीक है, बांध बनने से खेती के उत्पादन में वृद्धि होगी। अलीराजपुर के किसान श्री वीरेन्द्र पटेल ने मुख्यमंत्री श्री चौहान से चर्चा के दौरान कहा कि सेजगांव बेराज बनने से 400 हैक्टेयर में अब किसान दूसरी फसल भी ले पाएंगे। इससे 100 से अधिक किसान सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। बैतूल आमला के किसान श्री सुरेश गांवरे ने बांध बनने पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि 10 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में इसका लाभ मिलेगा। सीहोर के किसान श्री शुभम मीणा ने बताया कि बांध बहुत बेहतर तरीके से बनाया गया है, इससे 140 हैक्टेयर भूमि अतिरिक्त रूप से सिंचित होगी और गेंहू, चना आदि के बाद सब्जी भी लगा सकेंगे। अपर मुख्य सचिव जल संसाधन श्री एस.एन. मिश्रा ने मुख्यमंत्री श्री चौहान और अन्य अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने राज्य में सिंचाई वृद्धि के प्रयासों की जानकारी दी। मिंटो हॉल में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लगभग 200 किसान, अधिकारी और आमजन उपस्थित थे।

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