कोविड-19 टीकाकरण के लिए केंद्र की ओर से राज्यों को जारी किए गए दिशा-निर्देशों के तहत टीका देने के बाद करीब 30 मिनट तक व्यक्ति की निगरानी की जाएगी। इसके अलावा टीकाकरण स्थल पर एक समय में केवल एक व्यक्ति को अनुमति होगी। इसके तहत, एक दिन में प्रत्येक सत्र में 100 से 200 लोगों का टीकाकरण होगा। पहले फेज में 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण होगा।
दिशा-निर्देशों के मुताबिक, कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (को-विन) प्रणाली का इस्तेमाल टीकाकरण के लिए सूचीबद्ध लाभार्थियों का पता लगाने में किया जाएगा। जिस स्थान पर टीकाकरण होगा, वहां प्राथमिकता में रखे गए केवल पहले से पंजीकृत लोगों को ही टीका लगाया जाएगा। उसी स्थान पर पंजीकरण कराने की सुविधा नहीं होगी।
टीका संचालन दिशा-निर्देश के मुताबिक, टीके की शीशियों को सूरज की रोशनी से बचाकर रखने की व्यवस्था की जाएगी। टीकाकरण के लिए व्यक्ति के पहुंचने पर टीके की शीशी को खोलना होगा। वहीं, सत्र के बाद आईस पैक के साथ बिना इस्तेमाल वाले सभी टीके को वितरण कोल्ड चेन स्थानों पर वापस भेजना होगा।
जारी किए गए दिशा-निर्देश में कहा गया कि टीका के संबंध में कई चुनौतियों से भी निपटना होगा। भारत में 1.3 अरब से ज्यादा लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित करना एक चुनौतीपूर्ण काम है। इस संबंध में लोगों को समय पर सूचना मिलनी चाहिए। कम समय में परीक्षण के बाद टीका इस्तेमाल को लेकर लोगों के मन में सुरक्षा संबंधी, टीका के कारगर होने को लेकर कई तरह की धारणा और आशंकाएं हो सकती हैं।
टीकाकरण के पहले चरण के तहत करीब 30 करोड़ आबादी का टीकाकरण किया जाएगा। को-विन वेबसाइट पर स्व पंजीकरण के लिए मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट और पेंशन दस्तावेज समेत 12 फोटो पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल हो सकेगा। सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे के कर्मियों और 50 साल से अधिक्र उम्र के लोगों का टीकाकरण होगा। इसके बाद गंभीर रोग से ग्रस्त 50 से कम उम्र के लोगों और महामारी की स्थिति और टीके की उपलब्धता के आधार पर अंत में बाकी आबादी का टीकाकरण हो सकेगा।