मध्य प्रदेश में 10वीं और 12वीं की नियमित कक्षाएं 18 दिसंबर से लगेंगी। यह निर्णय बोर्ड की परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जबकि 9वीं और 11वीं की कक्षाएं शुरू करने का फैसला जिला प्रशासन पर छोड़ दिया है। वहां विद्यार्थियों के नामांकन और उपलब्ध कक्षों के आधार पर प्राचार्य द्वारा निर्णय लिया जा जाएगा। पहली से आठवीं तक के स्कूलों को खोलने का फैसला कोरोना संक्रमण की समीक्षा के बाद लिया जाएगा। यह निर्णय एमपी बोर्ड व सीबीएसई से संबद्ध सभी स्कूलों पर लागू हाेगा। इस संबंध में एक-दो दिन में आदेश जारी किए जाएंगे।
मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने आज विभाग के अफसरों की तीन घंटे चली बैठक के बाद यह निर्णय लिया। फैसला सभी जिलों की क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है। बैठक में पहले एमपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा की तैयारियों और टाइम-टेबल तय करने को लेकर चर्चा हुई।
इसमें इस बात का ध्यान रखा गया कि नियमित क्लास का सत्र कितना रखा जाए। इसके अलावा 9वीं से 12वीं तक के कोर्स को लेकर चर्चा हुई? यदि कोर्स शेष है, तो इसे पूरा करने की तैयारियों की जानकारी अधिकारी देंगे। इसके अलावा, स्कूल खोलने और परीक्षा के पहले कोर्स पूरा करने को लेकर समीक्षा की गई।
बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी, आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय जयश्री कियावत, राज्य शिक्षा केंद्र आयुक्त लोकेश कुमार जाटव, माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया सहित विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सोपास के प्रदेश अध्यक्ष आशीष चटर्जी ने कहा कि बैठक के बाद भी ठोस फैसला नहीं हो पाया है। कॉलेज खोलने व अन्य मांगों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया, विरोध स्वरूप 15 दिसंबर को प्रदेश के निजी स्कूल, कॉलेज व विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन / ऑफलाइन शिक्षण कार्य बंद रहेगा। संचालकों ने बताया कि पिछले 4 दिन से संचालक प्रशासन से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति मांग रहे हैं, उन्हें अनुमति नहीं मिली। ऐसे में शिक्षक/ संचालक/ विद्यार्थी व पालक भोपाल कलेक्टर कार्यालय में प्रदर्शन करेंगे व मुख्यमंत्री को ज्ञापन देंगे। जरूरत पड़ी तो गिरफ्तारी भी देंगे।