केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन के दौरान बुधवार को संत बाबा राम सिंह ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने खुद को गोली मार ली, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। यह घटना करनाल में बॉर्डर के पास हुई है। कहा जा रहा है कि संत बाबा राम सिंह किसानों पर सरकार के रवैये से आहत थे।
संत बाबा राम सिंह के पास से सुसाइड नोट भी मिला है। वे पिछले काफी दिनों से दिल्ली के पास हो रहे आंदोलन में शामिल थे। उन्होंने एक शिविर की भी व्यवस्था की थी और कंबल भी बांटे थे।
पीटीसी न्यूज की मानें तो सुसाइड नोट में बाबा राम सिंह ने लिखा है कि वे किसानों की हालत नहीं देख सकते हैं। उन्होंने लिखा कि केंद्र सरकार विरोध को लेकर कोई ध्यान नहीं दे रही है, इसलिए वे किसानों, बच्चों और महिलाओं को लेकर चिंतित हैं।
गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसानों के संगठन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इनमें अधिकतर किसान पंजाब और हरियाणा के हैं। प्रदर्शनकारी किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे। केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश के साथ मिलकर तोमर किसानों के 40 संगठनों के साथ सरकार की वार्ता का नेतृत्व कर रहे हैं। अभी तक किसानों और सरकार के बीच में कई दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन कोई भी हल नहीं निकला है।
वहीं, दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर धरना देकर ट्रैक्टर पर सवार होकर पटियाला लौट रहे पंजाब के दो किसानों की हरियाणा के करनाल जिले में एक ट्रक की चपेट में आने से मंगलवार सुबह मौत हो गई थी। पुलिस ने बताया था कि तरौरी फ्लाईओवर पर हुई इस घटना में एक अन्य किसान को भी गंभीर चोटें आई हैं, जबकि कुछ और लोगों को मामूली चोटें लगी हैं। तरौरी थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर सचिन ने कहा कि मृतकों की उम्र 24 साल और 50 साल के आसपास है। हादसे के बाद ट्रक चालक मौके से भागने में कामयाब रहा था।