पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच जारी सीमा विवाद के बीच केंद्र सरकार ने बुधवार को ऐलान किया है कि वह कुछ ‘विश्वसनीय’ टेलीकॉम वेंडर्स की लिस्ट बनाएगी, जहां से टेलीकॉम से जुड़े उपकरणों को खरीदा जा सकेगा। सरकार के इस कदम से अटकलें लगाई जा रही हैं कि आने वाले दिनों में चीन के वेंडर्स को झटका लग सकता है। सरकार इस लिस्ट के जरिए कई टेलीकॉम वेंडर्स को ब्लैकलिस्ट भी कर सकती है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, कैबिनेट ने टेलीकॉम क्षेत्र के लिए नेशनल सिक्योरिटी डायरेक्टिव्स को मंजूरी दे दी है। इसके तहत, सप्लाई चेन सिक्योरिटी को बनाए रखने के लिए सरकार टेलीकॉम सर्विस प्रदाताओं के फायदे के लिए विश्वसनीय स्रोतों, विश्वसनीय उत्पादों की एक सूची घोषित करेगी। मंत्री ने आगे बताया कि इसी तरह से कुछ स्रोतों की एक सूची होगी जिनसे कोई खरीद नहीं की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस लिस्ट की मदद से कंपनियां टेलीकॉम उपकरण की खरीद कर सकेंगी। इस लिस्टिंग को कैसे किया जाएगा और यह भविष्य में टेलीकॉम सर्विस को कैसे प्रभावित करेगा, इसके बारे में जानकारी देते हुए मंत्री रविशंकर ने बताया, ”सूची तैयार किए जाने के बाद, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को नए उपकरणों को विश्वसनीय प्रोडक्ट्स के साथ जोड़ने की आवश्यकता होगी। इस कमेटी में संबंधित विभागों के सदस्य, मंत्रालय, उद्योगों के दो सदस्य और एक स्वतंत्र विशेषज्ञ शामिल होंगे। कमेटी को टेलीकॉम पर राष्ट्रीय सुरक्षा समिति कहा जाएगा।”
पिछले कुछ समय में सरकार कई चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा चुकी है। जुलाई महीने में सरकार ने चीन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 59 चाइनीज मोबाइल ऐप्स को बैन कर दिया था। इसमें टिकटॉक, शेयर इट, यूसी ब्राउजर, हेलो, विगो जैसी ऐप्स शामिल थीं। आईटी मंत्रालय ने कहा था कि ये ऐप्स यूजर्स के डेटा को चुराकर उन्हें भारत के बाहर स्थित सर्वर को अनधिकृत तरीके से भेजती हैं।
वहीं, इसके बाद, नवंबर महीने में अली सप्लायर्स मोबाइल ऐप, अलीबाबा वर्कबेंच, अली एक्सप्रेस, अलीपे कैशियर, लालामूव इंडिया, ड्राइव विद लालामूव इंडिया समेत 43 मोबाइल ऐप्स पर बैन लगा दिया था। सरकार की ओर से बताया गया था कि ये ऐप्स भारत की संप्रभुता, अखंडता, रक्षा, सुरक्षा और कानून व्यवस्था के खिलाफ गतिविधियों में लिप्त हैं।