राज्य में स्थित छावनी क्षेत्र के युवाओं को भारतीय सेना में शामिल होकर राष्ट्र सेवा करने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह बात आज यहां मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने रक्षा सम्पदा दिवस (डिफेन्स इस्टेटस डे) कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय रक्षा सम्पदा सेवाएं (इण्डियन डिफेन्स इस्टेटस सर्विस) ने प्रभावी पारदर्शिता, बेहतर नागरिक और विकासात्मक प्रशासन प्रदान करके देश व राज्य में स्थित सैन्य छावनियों के बेहतर प्रबन्धन में अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि रक्षा भूमि प्रबन्धन के अलावा यह संगठन सैन्य छावनियों की प्रशासनिक जिम्मेदारी का भी निर्वहन कर रहा है। उन्होंने राज्य में सात सैन्य छावनी क्षेत्रों के प्रभावी प्रबन्धन के लिए रक्षा सम्पदा निदेशालय द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
जय राम ठाकुर ने रक्षा सम्पदा की भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने कहा यह हर्ष का विषय है कि राज्य और देश के सभी 62 छावनी बोर्ड सामाजिक कल्याण, सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता, सुरक्षा, जल आपूर्ति, शहरी नवीकरण और केन्द्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों की शिक्षा आदि की विभिन्न योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में स्थित छावनी क्षेत्र कसौली, सुबाथू, डगशाई, खास योल, जतोग, डलहौजी और बकलोह शहरी क्षेत्रों को शहरी प्रबन्धन और स्थानीय स्वशासन के आदर्श रूप में विकसित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है और इन प्रयासों को रक्षा सम्पदा महानिदेशालय द्वारा छावनी क्षेत्रों में पूरा किया जा रहा है
प्रमुख निदेशक के.जे.एस. चैहान ने कहा कि रक्षा संपदा देश में छावनियों के योजनाबद्ध विकास को सुनिश्चित कर रही है।
निदेशक रक्षा संपदा के.सी. गुप्ता ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि कुल छावनियों में से सात छावनियां हिमाचल प्रदेश में हैं।
उप-निदेशक रक्षा सम्पदा विजय कुमार भाटिया ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी.शर्मा भी उपस्थित थे।