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किसान बनेंगे अब उद्यमी….

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आज देश, प्रदेश और विश्व सभी कोरोना की महामारी से संघर्ष कर रहे हैं। हम अपने दृढ़ संकल्प, अच्छी जीवनशैली और पारस्परिक सुख-दुख बांटने के भाव चलते महामारी को परास्त करने में सफल भी हो रहे हैं। ऐसे समय में जब लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट है तब सहकारिता और सहयोग का भाव निरन्तर प्रत्येक नागरिक को सशक्त बनाने में मदद कर रहा है। सबका-साथ, सबका-विकास, सबका-विश्वास, यही तो सहकारिता का दर्शन है।

प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व व सहकारिता मंत्री श्री अरविंद सिंह भदौरिया के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने सहकारिता की शक्ति को पहचान कर तेजी से नए क्षेत्रों में कार्य करना प्रारंभ किया है जिसके सुखद परिणाम भी सामने आने लगे हैं। ”आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश” अंतर्गत प्रदेश की प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों को पोस्ट हार्वेस्टिंग इकाईयों एवं मल्टी सर्विस सेंटर के रूप में परिवर्तित करने की योजना क्रियान्वित की गई है। इस योजना अंतर्गत प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों को एक प्रतिशत न्यूनतम ब्याज की दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे प्रदेश की प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों एवं बहुउद्देशीय सहकारी समितियों द्वारा कृषि-आधारित उद्योगों की स्थापना की जा सकेगी। सरकार इन संस्थाओं को रियायती ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराएगी।

इन उद्योगों की स्थापना से सहकारी संस्थाओं को होने वाले लाभ का विभाजन कृषकों की हिस्सेदारी के आधार पर किया जाएगा। इस तरह योजना के क्रियान्वयन से किसान अब उद्यमी बन सकेंगे। प्रथमत: 202 सहकारी संस्थाओं में पोस्ट हार्वेस्टिंग कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना शुरू की गई है। इसे एक वर्ष में 1200 संस्थाओं तक बढ़ाने का लक्ष्य है। सहकारिता के माध्यम से कृषक ई-मार्केटिंग मंडी तथा समितियां कृषक सुविधा केन्द्र भी संचालित करेंगी। आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश अंतर्गत 800 नवीन दुग्ध सहकारी समितियों का गठन किया जा रहा है। इससे 40000 दुग्ध उत्पादकों को लाभ होगा।

प्रदेश में प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों में कृषक सुविधा केन्द्र बनाए जाएंगे, जहां किसानों को उनकी आवश्यकता की समस्त जानकारियां एवं सुविधाए उपलब्ध होंगी। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभान्वित सभी पात्र हितग्राहियों को क्रेडिट कार्ड जारी करने का अभियान प्रदेश के सभी सहकारी बैंकों के माध्यम से चलाया है। इस अभियान के तहत 63000 किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किए जाकर 335 करोड़ की साख-सीमा स्वीकृत की गई है। अभी तक प्रदेश में 36 हजार से अधिक किसानों को 122 करोड़ का ऋण भी सहकारी समितियों के माध्यम से वितरित किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शून्य प्रतिशत ब्याज पर किसानों को ऋण उपलब्ध कराने की योजना को पुन: प्रारंभ किये जाने का निर्णय लिया है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए राज्य सरकार द्वारा अभी तक लगभग 3 हजार करोड़ का ब्याज अनुदान भी सहकारी बैंकों को दिया जा चुका है। सरकार ने सहकारी बैंक की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए फसल ऋण माफी में सहकारी बैंकों के नुकसान की भरपाई के लिए 800 करोड़ रूपये प्रदान कर बड़ी सहायता दी। सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश के लघु एवं सीमांत कृषक-केन्द्रित अनुसंधान एवं तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सहकारी बैंक के स्तर पर वेंचर कैपिटल फंड स्थापित किया जाएगा।

प्रदेश की सभी 4523 प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों का कंप्यूटराइजेशन किया जाएगा जिससे समितियों की कार्यप्रणाली और अधिक आधुनिक तथा पारदर्शी हो सकेगी। सहकारिता विभाग में पारदर्शिता व आधुनिक तकनीकी को बढ़ावा देने के लिए सहकारी संस्थाओं के ऑनलाईन पंजीयन तथा सहकारी न्यायालयों में प्रकरणों के ऑनलाईन निराकरण की व्यवस्था शुरू की गई है।

सहकारिता एवं लोकसेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविन्द सिंह भदौरिया का कहना है कि सहकारिता हमारा जीवन दर्शन है, यह हमारी सदियों पुरानी जीवन पद्धति है। सहकारिता में हमारे सामने अनेक संभावनाएं हैं। हरित क्रांति हो या नीली क्रांति या फिर पीली क्रांति, सभी की आत्मा में सहकारिता का वास है और इनकी सफलता का यही मुख्य कारण भी है। उन्होंने आह्वान किया कि ‘आइए, हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम अगले 3 वर्ष में प्रदेश के सहकारी आन्दोलन को और सुदृढ़ बनाएंगे।’

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