कृषि कानूनों को लेकर सरकार में माथापच्ची जारी है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने कृषि कानूनों पर चर्चा की. कृषि मंत्री से मिलने के बाद सीएम खट्टर ने कहा कि एक- दो दिन में हल निकल जाएगा. मनोहर लाल खट्टर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात करेंगे.
सीएम खट्टर ने कहा कि मेरा मानना है कि अगले 2-3 दिन में सरकार और किसानों में बात हो सकती है. किसानों के विरोध का समाधान चर्चा के माध्यम से निकलना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे को जल्द हल किया जाना चाहिए.
कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बना हुआ है. केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का 24 दिन से विरोध प्रदर्शन जारी है. हजारों की संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं. मोदी सरकार का कहना है कि वह बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन किसानों की मांग है कि कृषि कानूनों को रद्द किया जाए तभी वार्ता संभव है.
सरकार और किसानों में अब तक कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन सभी बेनतीजा रहीं. किसान नेता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मिल चुके हैं. सरकार ने किसानों को लिखित में प्रस्ताव भी दिया था, लेकिन किसानों ने उसे ठुकरा दिया. दरअसल, किसानों की मांग है कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाए, लेकिन सरकार संशोधन पर तैयार है और किसान इसे मान नहीं रहे. ऐसे में दोनों ही पक्षों में गतिरोध बना हुआ है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी किसानों को समझाने में जुटे हैं. बीते दिनों मध्य प्रदेश के किसानों से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष कृषि कानून को लेकर किसानों को गुमराह कर रहा है, पिछले 6 महीने से कानून लागू हैं लेकिन कोई शिकायत नहीं आई है. पीएम मोदी ने कहा था कि कृषि सुधार के बाद एक सबसे बड़ा झूठ MSP पर बोला जा रहा है. अगर हमें MSP हटानी होती तो स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू ही क्यों करते. हर बार हमारी सरकार MSP की घोषणा करती है, ताकि किसानों को परेशानी ना हो. पीएम बोले कि हर किसान को ये भरोसा देता हूं कि पहले जैसे MSP दी जाती थी, वैसे ही दी जाती रहेगी.
इससे पहले कृषि मंत्री ने भी किसानों को 8 पन्ने की चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने 8 आश्वासन दिए थे. उन्होंने कहा कि सरकार MSP पर लिखित में आश्वासन देने को तैयार है. नरेंद्र सिंह तोमर ने नए कानूनों के फायदे भी गिनाए थे. उन्होंने लिखा कि देश के अलग-अलग क्षेत्रों से ऐसे किसानों के उदाहरण भी लगातार मिल रहे हैं, जिन्होंने नए कृषि कानूनों का लाभ उठाना शुरू भी कर दिया है.