भारत के जिन चार राज्यों में बर्ड फ्लू के मामले आए थे, उनमें इस बीमारी के होने की पुष्टि हो चुकी है. साथ अब कुछ और राज्यों से भी बर्ड फ्लू के मामले सामने आने की खबर हैं. ये राज्य हैं उत्तर प्रदेश, ओडिशा, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर. इसे देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारें अलर्ट हो चुकी हैं. केरल में केंद्र सरकार के तीन सदस्यीय टीम हालात का जायजा लेने गई है. यहां 50 हजार से ज्यादा पक्षियों को मारा जा चुका है. भारत में बर्ड फ्लू का यह चौथा हमला है. आइए जानते हैं कि इस बीमारी ने कब-कब भारत को अपना निशाना बनाया और इसका क्या असर रहा.
पशुपालन और डेयरी विभाग के अनुसार भारत में साल 2006, 2012, 2015 और अब 2021 में बर्ड फ्लू यानी एवियन इंफ्लूएंजा ने हमला किया है. नेशनल हेल्थ प्रोग्राम की साइट के अनुसार बर्ड फ्लू की वजह से भारत में अभी तक किसी इंसान की मौत नहीं हुई है. जबकि, दुनिया भर के 16 देशों में 846 लोगों इस बीमारी से संक्रमित हुए और इनमें से 449 की मौत हो गई.
पशुपालन और डेयरी विभाग के अनुसार भारत में साल 2006, 2012, 2015 और अब 2021 में बर्ड फ्लू यानी एवियन इंफ्लूएंजा ने हमला किया है. नेशनल हेल्थ प्रोग्राम की साइट के अनुसार बर्ड फ्लू की वजह से भारत में अभी तक किसी इंसान की मौत नहीं हुई है. जबकि, दुनिया भर के 16 देशों में 846 लोगों इस बीमारी से संक्रमित हुए और इनमें से 449 की मौत हो गई.
पशुपालन और डेयरी विभाग के अनुसार साल 2006 से लेकर साल 2015 तक भारत के 15 राज्यों में 25 बार मुर्गियों में बर्ड फ्लू का वायरस यानी एवियन इंफ्लूएंजा वायरस मिला है. जिसे हम लोग आम भाषा में H5N1 कहते हैं. भारत में सबसे पहले 19 फरवरी 2006 को महाराष्ट्र के नंदूरबार जिले के नवापुर गांव की मुर्गियों में बर्ड फ्लू का वायरस मिला था.
इसके बाद अगले पांच दिनों में सरकार ने 2.53 लाख मुर्गियों को मारा था और 5.87 लाख अंडों को नष्ट किया था. जिन लोगों में फ्लू के लक्षण दिखे थे, उन्हें क्वारनटीन कर दिया गया था. करीब 150 लोगों का सैंपल लेकर पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भेजा गया था. लेकिन किसी भी इंसान के संक्रमित होने या मरने की खबर नहीं आई थी.
भारत में अब तक जिन राज्यों में बर्ड फ्लू का बड़ा अटैक हो चुका है, वो हैं- महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, ओडिशा, कर्नाटक, केरल, चंडीगढ़. इसके अलावा अन्य राज्यों में छोटे-मोटे मामले सामने आते रहते हैं लेकिन उन्हें बर्ड फ्लू का बड़ा हमला नहीं कहा जा सकता.