न्याय के देवता ग्रह कहे जाने वाले शनिदेव साल 2021 में पूरे साल मकर राशि में ही रहेंगे। वहीं 22 जनवरी को यह नक्षत्र परिवर्तन कर विभिन्न राशियों पर प्रभाव डालेंगे। 22 जनवरी को शनि देव श्रवण नक्षत्र में प्रवेश कर रहे हैं। इससे पहले शनिदेव 14 फरवरी को मकर राशि में ही अस्त हो रहे हैं। शनि का अस्त होना बहुत ही महत्वपूर्ण घटना है। ऐसा कहा जाता है कि शनि की जिन राशियों पर शनि के अच्छे प्रभाव नहीं पड़ रहे, उनके लिए शनि के प्रभाव कम हो जाएंगे। एक तरह से इसे शुभ माना जाता है।
ज्योतिष के विद्वानों की मानें तो साल 2021 में शनिदेव मकर राशि में ही रहेंगे, लेकिन इसी राशि में सीधी और उल्टी चाल चलेंगे। शनि 23 मई 2021 को मकर राशि में व्रकी होकर 11 अक्टूबर 2021 को मार्गी हो जाएंगे।
मकर में प्रवेश के समय धनु राशि के लिए उतरती, मकर के लिए मध्य और कुम्भ राशि के लिए चढ़ती साढ़े साती रहेगी। इसके साथ हीमिथुन और तुला राशि वालों पर शनि की ढैय्या का असर पड़ेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि किसी भी राशि में ढाई साल के लिए रहते हैं। शनि की उतरती और चढ़ती साढ़ेसाती में शनि के प्रभाव पड़ते हैं।
शनि का अस्त होना अच्छा माना जाता है। वहीं गुरु का अस्त होना अच्छा नहीं माना जाता है। गुरु के अस्त होने से विवाह आदि जैसे कार्य नहीं किए जाते हैं। शनि के अस्त होने से विभिन्न राशियों पर प्रभाव पड़ेगा। शनि का अस्त होना सिंह और वृश्चिक राशि के लिए बहुत उत्तम रहेगा। शनि के अस्त होने से इन राशि के लोगों पर सफलता तो मिलेगी ही साथ ही उनके सभी बिगड़े काम भी बन जाएगें। शनि का प्रभाव कम होगा। इन दोनों राशियों को आय के साधन बढ़ेंगे और उनको सभी कार्यों में सफलता मिलेगी। सिंह और वृश्चिक राशि के लोगों के लिए नौकरी, परीक्षा में सफल होने के खास योग बन रह हैं।