ऊना शहर में कुछ दुकानदार और वाहन चालक प्रशासन के नियमों को ठेंगा दिखाकर अतिक्रमण करने से बाज नहीं आ रहे हैं। इससे अक्सर यातायात जाम की स्थिति बनी रहती है और हादसों का भी डर रहता है। क्षेत्रीय परिवहन विभाग के अधिकारी बुधवार को सड़क पर सामान रखकर अतिक्रमण करने और बेतरतीब खड़े वाहनों को हटाने का कार्य कर रहे थे। जैसे-जैसे अधिकारी ऐसे दुकानदारों से आग्रह कर आगे बढ़ रहे थे तो पीछे कई कारोबारी फिर से सामान को सड़क किनारे सजा रहे थे। ऐसे में प्रशासन के अतिक्रमण हटाओ अभियान का कुछ दुकानदार मजाक उड़ाते दिखे।
इसकी एक वजह यह भी रही कि अधिकारियों के आगे बढ़ने के बाद यह कोई नहीं देख रहा था कि पीछे दुकानदार क्या कर रहे हैं। ऐसे में हालात रहे कि कुछ क्षणों की व्यवस्था बनने के बाद सब कुछ अव्यवस्थित नजर आया। आलम यह है कि शहर में हर जगह सड़क किनारे रेहड़ियां सज रही हैं और कई दुकानदारों ने सामान को फैलाकर फुटपाथ तक कब्जा कर रखा है। बेतरतीब वाहन वैसे ही खड़े हैं जैसे अभियान से पूर्व होते थे। शहर के बुद्धिजीवी वर्ग का मानना है कि इस विषय को लेकर स्थायी नीति बनाकर नियमों को सख्ती से लागू करवाना होगा अन्यथा शहर से अतिक्रमण का दाग कभी मिट नहीं पाएगा। अतिक्रमण से पैदल गुजरने वालों को परेशानियां झेलनी पड़ती हैं और सड़क हादसों का डर बना रहता है।
ऊना शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाया गया था। इसमें सभी दुकानदारों ने सहयोग भी किया। कुछ दुकानदार अगर फिर सामान सड़क पर रखकर अतिक्रमण कर रहे हैं तो यह गलत है। वैसे हर कोई अपना कर्तव्य समझे और इसमें प्रशासन का सहयोग करे तो समस्या का समाधान अवश्य निकलेगा। फिलहाल 28 जनवरी को एडीसी के समक्ष बैठक में इस मसले को प्रमुखता से उठाकर इसके स्थायी समाधान के लिए रणनीति बनाई जाएगी।