आगामी विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा है कि देश की राजधानी सिर्फ दिल्ली ही क्यों है। उन्होंने कहा कि देश के चारों कोनों में चार राजधानी होनी चाहिए। ममता ने यह भी कहा कि संसद का सत्र सिर्फ दिल्ली में क्यों होता है, जबकि वहां तो ज्यादातर आउटसाइडर्स हैं। उन्होंने अपने सांसदों को यह मुद्दा संसद में उठाने का भी निर्देश दिया।
कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, ”एक समय कोलकाता देश की राजधानी थी, तो एक बार फिर से शहर को भारत की दूसरी राजधानी के रूप में घोषित नहीं किया जाना चाहिए? कोलकाता को देश की दूसरी राजधानी बनानी ही होगी।” उन्होंने परोक्ष रूप से बीजेपी और केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि एक देश, एक नेता, एक राशन कार्ड और एक पार्टी के विचार को बदलने की जरूरत है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने यह बयान उस समय दिया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेताजी की जयंती को मनाने के लिए छह घंटे के कोलकाता के दौरे पर पहुंच रहे हैं। ममता बनर्जी ने टीएमसी सांसदों का यह मुद्दा संसद में उठाने का निर्देश देते हुए कहा, ”आखिर एक राजधानी क्यों होनी चाहिए। देश के हर कोने में एक राजधानी होनी चाहिए और कुल चार राजधानी हों। संसद का सत्र सभी राजधानी में आयोजित किया जाए।”
ममता बनर्जी ने आगे कहा कि दक्षिण भारत के राज्य जैसे- तमिलनाडु, कर्नाटक या केरल में भी एक राजधानी बननी चाहिए। अगली राजधानी- उत्तर प्रदेश, पंजाब या राजस्थान में होनी चाहिए। वहीं, एक बिहार, ओडिशा या फिर कोलकाता में होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए केंद्र सरकार से 23 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि आजाद हिंद फौज के नाम पर राजरहाट क्षेत्र में एक समाधि स्थल का निर्माण किया जाएगा और नेताजी के नाम पर एक विश्वविद्यालय की स्थापना भी की जा रही है, जिसका वित्तपोषण पूरी तरह से राज्य सरकार करेगी। बनर्जी ने ट्विटर पर कहा, ”इस साल कोलकाता में गणतंत्र दिवस की परेड नेताजी को समर्पित होगी। केंद्र सरकार को 23 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करना चाहिए। हम यह दिवस देश नायक दिवस के रूप में मना रहे हैं।”