जिला ऊना में टीबी के रोगियों को चिह्नित करने के लिए राष्ट्रीय सर्वे शुरू हो गया है। यह सर्वे 28 फरवरी तक चलेगा। सर्वे का शुभारंभ सोमवार को क्षेत्रीय अस्पताल में सीएमओ डा. रमण कुमार शर्मा ने किया।
डा. रमन कुमार शर्मा ने कहा कि पोलियां बीत, रामनगर, झोट, सासन व तेई गांवों में सबसे पहले सर्वे का कार्य शुरू हुआ। इसके तहत पांच टीमें घर-घर जाकर टीबी के रोगियों की तलाश करेंगी ताकि उनका समय पर इलाज किया जा सके। सर्वे के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। सर्वे का डाटा राष्ट्रीय स्तर पर साझा किया जाएगा जिसका जांच कार्य सात मार्च तक पूरा किया जाना है। अगर ऊना में टीबी के मामलों में 20 फीसद की गिरावट आती है तो जिला का कांस्य पदक पर दावा बनेगा। उन्होंने ऊनावासियों से इस सर्वेक्षण में सही जानकारी देकर सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने बताया कि टीबी उन्मूलन के लिए उपराष्ट्रीय दावे के सत्यापन के लिए भारत सरकार द्वारा चार राष्ट्रीय संगठनों को जिम्मेदारी दी गई है।
इनमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमयोलॉजी चेन्नई, नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन ट्यूबरक्लोसिस, इंडियन एसोसिएशन फॉर प्रिवेंटिव एवं सोशल मेडिसिन तथा डब्ल्यूएचओ शामिल हैं। टीबी के कम मामलों में ऊना नौवें स्थान परटीबी के सबसे कम मामलों में जिला ऊना देशभर में नौवें जबकि प्रदेश में तीसरे स्थान पर है। वर्ष 2015 में नौ टेस्ट करने पर टीबी का एक मरीज सामने आता था। वर्ष 2016 व 2017 में 11 में से एक, वर्ष 2018 में 13 में से एक, वर्ष 2019 में 18 में से एक और वर्ष 2020 में किए गए 22 टेस्ट में से एक व्यक्ति टीवी का मरीज पाया गया।