बीजेपी में शामिल हुए तृणमूल कांग्रेस (TMC) के दो विधायकों ने सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। इस घटनाक्रम के बाद उनके अगले राजनीतिक कदम के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं। बोंगांव से विधायक विश्वजीत दास और नोआपाड़ा के विधायक सुनील सिंह ने विधानसभा में उनके कक्ष में बनर्जी से मुलाकात की।
दोनों विधायकों ने दावा किया कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों के संबंध में मुख्यमंत्री से मिले थे। इन दोनों विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र उत्तर 24 परगना जिले में हैं। बीजेपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने बैठक के पीछे किसी भी राजनीतिक मकसद को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने इसके बारे में पार्टी को पूर्व सूचना दी थी।
उन्होंने कहा, ”इसे किसी और रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। विधायकों के रूप में वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकास के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री से हमेशा मिल सकते हैं।” दास और सिंह 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी में शामिल हो गये थे लेकिन उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के विधायक के रूप में इस्तीफा नहीं दिया था।
बैठक के बाद दोनों विधायकों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर करने का आश्वासन दिया है। तृणमूल कांग्रेस से इस घटनाक्रम पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद तृणमूल कांग्रेस के 18 विधायक एवं सांसद, कांग्रेस और माकपा के तीन-तीन विधायक और भाकपा का एक विधायक भाजपा में शामिल हो चुके हैं। हालांकि, पूर्व मंत्रियों शुभेंदु अधिकारी और राजीव बनर्जी के अलावा, उनमें से किसी ने भी विधायक के रूप में इस्तीफा नहीं दिया। पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए अप्रैल-मई में चुनाव होने की संभावना है।
गुजरात कभी बंगाल पर शासन नहीं कर पाएगा: ममता
वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चक्रवात अम्फान के बाद पश्चिम बंगाल को मामूली रकम अग्रिम के तौर पर देने को लेकर सोमवार को केंद्र को निर्मम सरकार बताया और कहा कि गुजरात कभी भी बंगाल पर शासन नहीं कर पाएगा। सोलहवीं पश्चिम बंगाल विधानसभा के सत्र के समापन सत्र के आखिरी दिन बनर्जी ने उनके लेखानुदान को लेकर उनकी आलोचना करने पर विपक्ष को आड़े हाथों लिया। विपक्ष ने कहा कि ऐसा चुनाव पर नजर रखते हुए किया गया है।