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साल में एक बार जिला स्तर पर भी आयोजित होगी योजना बैठकः जय राम ठाकुर….

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वर्ष में एक बार योजना बैठक जिला स्तर पर भी आयोजित की जाएगी ताकि निर्वाचित प्रतिनिधियों को जिला स्तर पर अपनी विकासात्मक आवश्यकताओं को सरकार के समक्ष रखने का अवसर प्राप्त हो सके। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां विधायक प्राथमिकता बैठक के दूसरे सत्र में सोलन, शिमला, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों के विधायकों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले तीन वर्षों में राज्य का संतुलित विकास सुनिश्चित किया है और उन क्षेत्रों के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है जो किसी कारण से विकास के मामले में पीछे छूट गए थे। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई हिमकेयर योजना के अंतर्गत 121 करोड़ रुपये व्यय कर लगभग 1.25 लाख लोगों को लाभ पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना के अंतर्गत 2.90 लाख घरों को निःशुल्क गैस कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। हिमाचल प्रदेश और यहां के लोगांे के प्रति उदार रवैया अपनाने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने पिछले वर्ष अक्तूबर माह में 3200 करोड़ रुपये लागत की अटल टनल रोहतांग का लोकार्पण किया जिससे लाहौल घाटी को वर्षभर संपर्क सुविधा मिली है। इस सुरंग के निर्माण से क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर मुहैया होंगे।
जय राम ठाकुर ने कहा कि पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान 2033 करोड़ रुपये लागत की 433 विधायक प्राथमिकता योजनाएं स्वीकृत की गईं थीं, जबकि वर्तमान सरकार की तीन वर्ष की अवधि में 2382 करोड़ रुपये की 639 विधायक प्राथमिकता योजनाएं स्वीकृत की र्गइं हैं। इसी प्रकार, पूर्व सरकार के पहले तीन वर्ष के कार्यकाल में विधायक प्राथमिकताओं के कार्यान्वयन के लिए 1276 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, जबकि वर्तमान सरकार ने अपने तीन वर्ष के कार्यकाल में 2221 करोड़ रुपये का प्रावधान किया।
उन्होंने कोविड-19 महामारी परे नियंत्रण पाने के लिए सभी विधायकों के योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि विधायकों ने अपने वेतन से एक बड़ी धनराशि मुख्यमंत्री कोविड फंड के लिए दी। उन्होंने कहा कि राज्य विधायक विकास निधि को आरंभ में रोका गया लेकिन मानसून सत्र में इस फंड के 50 लाख रुपये बहाल किए गए जिससे विधायकों को अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए धनराशि प्रदान करने में सहायता मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व की स्वर्ण जयंती के अवसर पर 51 समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया है जिसके अंतर्गत राज्य की 50 वर्ष की विकास यात्रा को दर्शाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विकास कार्यों की आधारशिलाओं और लोकार्पण की पट्टिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि जिन पट्टिकाओं को नुकसान पहुंचाया गया है उन्हें तुरंत ठीक किया जाए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के कुल 68 विधायकों में से 57 ने इन बैठकों में भाग लेकर अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों को जन आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य करने के लिए कर्मठता और समर्पण की भावना से कार्य करना चाहिए। सीमित संसाधनों के बावजूद प्रदेश सरकार सुनिश्चित करेगी कि विधायकों की सभी प्राथमिकताओं को तरजीह मिले।
उन्होंने कहा कि पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण जयंती वर्ष को शानदार तरीके से आयोजित करने के लिए विधायकों को अपने सुझाव देने के लिए आगे आना चाहिए।
जिला किन्नौरः
किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी ने एफआरए और एफसीए मंजूरी में देरी पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि लम्बे समय से फंसी विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य में तेजी लाने के लिए विशेष प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने मुख्यमंत्री से केन्द्र सरकार से सीमा क्षेत्र विकास योजना का मामला उठाने का भी आग्रह किया ताकि इस योजना के तहत पर्याप्त बजट उपलब्ध करवाया जा सके। उन्होंने नागरिक अस्पताल रिकागंपिओ में विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध कराने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बागवानी और कृषि क्षेत्रों में अधिक से अधिक बजट आवंटित किया जाना चाहिए।
जिला सोलनः
नालागढ़ के विधायक लखविंद्र सिंह राणा ने कहा कि प्रदेश के अन्य क्षेत्रों की तर्ज पर बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र में भी घरों के नक्शों की आॅनलाइन स्वीकृति की प्रक्रिया आरंभ की जाए। उन्होंने किसानों की सुविधा के लिए नालागढ़ में अनाज मंडी खोलने तथा विधानसभा क्षेत्र में कम वोल्टेज की समस्या के समाधान के लिए दो 33 केवी उपकेंद्र स्वीकृत करने की मांग की। इसके अतिरिक्त नालागढ़ अस्पताल में पर्याप्त स्टाफ तैनात करने का आग्रह किया।
दून के विधायक परमजीत सिंह पम्मी का कहना था कि औद्योगिक क्षेत्र होने के बावजूद दून विधानसभा क्षेत्र में कोई उपमंडल नहीं है। उन्होंने बद्दी में एसडीएम और बीडीओ कार्यालय खोलने का अनुरोध किया। उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र के ऊपरी क्षेत्र में महाविद्यालय खोलने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि बद्दी में 50 बिस्तरों की क्षमता वाले अस्पताल का कार्य शीघ्र पूरा किया जाए और कुठेड़ उप तहसील को तहसील के रूप में स्तरोन्नत किया जाए।
सोलन के विधायक कर्नल डाॅ. धनीराम शांडिल ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में जलापूर्ति योजनाओं के लिए डीपीआर शीघ्र तैयार की जानी चाहिए। सोलन शहर की ट्रैफिक समस्या के समाधान के लिए शामती बाई-पास के शीघ्र निर्माण को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोटि-देयोरा और कोटला के भवनों को शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शहर के लोगों की सुविधा के लिए सोलन शहर में पर्याप्त पार्किंग का निर्माण किया जाना चाहिए।
जिला शिमलाः
शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने समयबद्ध तरीके से डीपीआर तैयार करने पर बल दिया ताकि विकास परियोजनाएं शीघ्र पूरी की जा सकें। उन्होंने सुन्नी में उचित मल निकासी सुविधा उपलब्ध करवाने और सुन्नी के लिए जल जीवन मिशन के अंतर्गत पेयजल सुविधा प्रदान करने की मांग की। उन्होंने कहा कि उन परियोजनाओं के लिए धन का विशेष रूप से प्रावधान किया जाए जो निर्माण के अंतिम चरण में हैं। उन्होंने डलोग घाट से धरोगड़ा सड़क का कार्य आरंभ करने और टुटू सब्जी मंडी को शीघ्र कार्यशील बनाने का आग्रह किया।
चैपाल के विधायक बलबीर सिंह वर्मा ने चैपाल स्थित नागरिक अस्पताल में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने और नेरवा में नागरिक अस्पताल के निर्माण के लिए उपयुक्त धनराशि का प्रावधान करने का मामला उठाया। उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में 66 केवी बिजली उपकेंद्र स्थापित करने और कुछ ट्रांसफार्मर स्तरोन्नत करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वन स्वीकृति नहीं मिलने के कारण चैपाल में अटल आदर्श विद्यालय की स्थापना के कार्य में विलंब हुआ है। विधायक ने नेरवा बस अड्डे का काम शीघ्र पूरा करने और क्षेत्र के सभी वन विश्राम गृहों के जीर्णोद्धार का अनुरोध भी किया।
ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने हाटू मंदिर के लिए वन-वे सड़क की सुविधा उपलब्ध करवाने की मांग की ताकि इस मार्ग पर यातायात को नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने कहा कि नारकंडा को प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए योजना तैयार करने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पुरानी भारत-तिब्बत सड़क को साइकलिंग रूट के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लघु और सीमांत किसानों के लिए बजट में एक विशेष योजना का प्रावधान किया जाना चाहिए। उन्होंने ठियोग बाईपास के कार्य में तेजी लाने का भी अनुरोध किया।
कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के विधायक अनिरूद्ध सिंह ने आग्रह किया कि शिमला शहर में यातायात समस्या के समाधान के लिए लक्कड़-बाजार बस स्टैंड को ढली स्थानांतरित किया जाए। उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में कुछ सड़कों की डीपीआर अभी तक लंबित हैं जिन पर शीघ्र कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने न्यू शिमला के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था करने का आग्रह किया। उनका कहना था कि नाबार्ड के अंतर्गत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए आवंटन की सीमा 120 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 150 करोड़ रुपये की जाए। उन्होंने नागरिक अस्पताल जुन्गा में चिकित्सकों के पर्याप्त पद भरने और मशोबरा-भेखल्टी सड़क पर और क्रैश बैरियर लगाने का भी आग्रह किया।
रोहड़ू के विधायक मोहन लाल ब्राक्टा ने कहा कि नाबार्ड की धनराशि में वृद्धि की जाए ताकि विधायकों को विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध हो सके। उन्होंने रोहड़ू अस्पताल में एक्स-रे मशीन की मुरम्मत और उचित रख-रखाव करने और विधानसभा क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति को सुदृढ़ करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि चांशल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाए और उत्तराखंड के सीओ दोगरी से शिमला जिला के डोडरा-क्वार के लिए वैकल्पिक सड़क मार्ग के लिए कदम उठाए जाएं ताकि इस पर पूरे वर्ष यातायात संपर्क की सुविधा बनी रहे।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना ने मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों और अन्य गणमान्य लोगों का स्वागत किया।
सलाहकार योजना डाॅ. वासु सूद ने विधायक प्राथमिकताओं के बारे में आॅनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया के संबंध में प्रस्तुति दी।
सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डाॅ. राम लाल मारकण्डा, स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. राजीव सैजल, राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश चंद धवाला, मुख्य सचिव अनिल खाची, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव व विभागाध्यक्ष बैठक में उपस्थित थे, जबकि उपायुक्त और अन्य जिला अधिकारी अपने-अपने जिलों से वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।

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