भारत और चीन ने पैंगोग झील (Pangong Lake) के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर तैनात सैनिकों को व्यवस्थित तरीके से हटाना शुरू कर दिया है. चीन की रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बुधवार दोपहर को यह जानकारी दी.
भारतीय पक्ष की ओर से इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि सूत्रों ने NDTV से कहा कि सरकार, चीन के रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट से इनकार नहीं कर रही है.चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वु कियान ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर तैनात भारत और चीन के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने बुधवार से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है.
उनके इस बयान से संबंधित खबर चीन के आधिकारिक मीडिया ने साझा की है. कियान ने एक संक्षिप्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की नौवें दौर की वार्ता में बनी सहमति के अनुरूप दोनों देशों के सशस्त्र बलों की अग्रिम पंक्ति की इकाइयों ने आज 10 फरवरी से पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया.उल्लेखनीय है कि दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले साल मई से सैन्य गतिरोध चला आ रहा है. दोनों देश मुद्दे के समाधान के लिए कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य स्तर की वार्ता कर चुके हैं. दोनों देशों की सेनाओं के बीच गत 24 जनवरी को मोल्डो-चुशूल सीमा स्थल पर चीन की तरफ कोर कमांडर स्तर की नौवें दौर की वार्ता हुई थी.
भारत और चीन के संबंधों में गतिरोध को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर (S.Jaishankar) ने कुछ जनवरी में कहा था कि पूर्वी लद्दाख में पिछले वर्ष हुई घटनाओं ने दोनों देशों के संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है और संबंधों को आगे तभी बढ़ाया जा सकता है जब वे आपसी सम्मान, संवेदनशीलता, साझा हित जैसी परिपक्वता पर आधारित हों. जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के संबंध दोराहे पर हैं और इस समय चुने गए विकल्पों का न केवल दोनों देशों बल्कि पूरी दुनिया पर प्रभाव पड़ेगा