Home हिमाचल प्रदेश राज्यपाल ने जनजातीय क्षेत्रों में अधिक टेलीमेडिसिन केन्द्र स्थापित करने पर बल….

राज्यपाल ने जनजातीय क्षेत्रों में अधिक टेलीमेडिसिन केन्द्र स्थापित करने पर बल….

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राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने स्वास्थ्य देखभाल में टेलीमेडिसिन की भूमिका पर बल देते हुए कहा कि राज्य में विशेषकर जनजातीय क्षेत्रों में और अधिक टेलीमेडिसिन केन्द्र स्थापित किए जाने चाहिए ताकि दूर-दराज क्षेत्रों के लोगों को टेलीकम्यूनिकेशन तकनीकों के उपयोग से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं आसानी से उपलब्ध हो सकें।
राज्यपाल आज यहां राजभवन में प्रधान सचिव स्वास्थ्य सेवाएं अमिताभ अवस्थी की उपस्थिति में प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों से कोविड-19 टीकाकारण कार्यक्रम के वर्तमान परिदृष्य और स्वास्थ्य सम्बन्धी अन्य मुद्दों पर विस्तृत जानकारी ले रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश को पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध करवाई गई है और यह सन्तोष की बात है कि टीकाकरण अभियान का पहला चरण सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया है जिसमें लगभग 76 प्रतिशत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का टीकाकरण किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के ठोस प्रयासों से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के टीकाकरण में हिमाचल प्रदेश ने पांचवां स्थान हासिल किया हैं और सभी कार्य निर्धारित समय में पूरे किए हंै।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि 15 दिसम्बर, 2020 से हिमाचल में कोविड के मामलों में निरंतर गिरावट दर्ज की गई है और वर्तमान परिस्थिति में सभी गतिविधियां  निर्बाध रूप से चल रही हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सभी पहली पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने महामारी से बचाव में उत्कृष्ट कार्य किए हैं।
राज्यपाल ने उन विद्यार्थियों के हित में समुचित निर्णय लेने के निर्देश दिए जिन्होंने नियमित आधार पर उन विश्वविद्यालयों से डिग्रियां प्राप्त की हैं जिन पर फर्जी डिग्रियां बांटने के आरोप हैं।
श्री अवस्थी ने राज्यपाल को अवगत करवाया कि वर्तमान में प्रदेश में 58112 कोविड के मामले हैं जिनमें 56646 ठीक हो गए हैं। प्रदेश में 477 सक्रिय मामले हैं और अब तक 977 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा कि कोविड के लिए समर्पित अस्पतालों को नियमित कार्य के लिए बदला जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना उपचार के लिए प्रदेश में चार फैब्रिकेटिड अस्पताल स्थापित किए थे और महामारी पर पूरी तरह नियंत्रण के उपरान्त आईजीएमसी शिमला में स्थापित फैब्रिकेटिड अस्पताल को मेडिसीन आईसीयू के रूप में और टाण्डा के फैब्रिकेटिड अस्पताल को संचारी रोग के लिए उपयोग किया जाएगा जबकि नालागढ़ के फैब्रिकेटिड अस्पताल को आधुनिक ट्राॅमा केन्द्र में परिवर्तित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश को 1.83 लाख वैक्सीन का दूसरा डोज मिल गया है और नए डोज से प्रदेश के सभी जिलों में टीकाकरण अभियान में तेजी आएगी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 7842 आशा कार्यकर्ताओं को 1500 रुपये प्रति माह प्रदान किए जा रहे है। कोविड-19 के दौरान सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं को मार्च-जून 2020 के दौरान एक हजार रुपये और जुलाई तथा अगस्त में दो हजार रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान की। उन्होंने कहा कि पहले चरण में चम्बा, सिरमौर और शिमला के 25 स्वास्थ्य संस्थानों में टैलीमेडिसिन के माध्यम से उपचार सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में 50 उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में टेलीमेडिसिन के माध्यम से उपचार सुविधा प्रदान की है।
निदेशक स्वास्थ्य शिक्षा डाॅ. रवि शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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