खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिलास्तरीय संचालन समिति की तीसरी बैठक शनिवार को हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त राघव शर्मा ने बताया कि इस अधिनियम के तहत जिले में अब 7,583 इकाइयों का पंजीकरण करके 683 लाइसेंस जारी कर दिए गए हैं।
इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य खाद्य वस्तुओं के उत्पाद, भंडारण, वितरण तथा बिक्री के संबंध में सुरक्षा और निर्धारित मानकों के अनुरूप लोगों को सुरक्षित खाद्य वस्तुएं उपलब्ध करवाना है। अधिनियम के तहत ढाबा व रेस्तरां संचालकों को अपना पंजीकरण करवाकर लाइसेंस लेना जरूरी होता है। अधिनियम के तहत खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा अलग-अलग संस्थानों से विभिन्न खाद्य पदार्थो के 121 नमूने कंडाघाट भेजे गए जिनमें से 23 नमूने मिसब्रांडेड, छह घटिया, दो असुरक्षित पाए गए जबकि 90 नमूने अधिनियम के तहत निर्धारित मापदंडों के अनुरूप पाए गए।
राघव शर्मा ने शहरी निकायों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वो अपने क्षेत्र में स्वच्छ स्ट्रीट फूड हब विकसित करने के लिए भूमि का चयन करें जहां 50 या उससे अधिक विक्रेताओं, दुकानों व स्टॉलों को क्लस्टर के रूप में स्थापित किया जा सके और अधिनियम की बुनियादी हिदायतें सुनिश्चित की जा सकें। सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा जगदीश धीमान ने बताया कि मोबाइल वैन के माध्यम से मौके पर ही खाद्य एवं पेय पदार्थो में मिलावट परखने के लिए नमूनों की जांच की जा जाती है। इसके तहत जिले में 106 नमूनों की जांच की गई है।
बैठक में एडीसी डा. अमित कुमार, खाद्य सुरक्षा अधिकारी प्रियंका कश्यप, सीएमओ डा. रमन शर्मा, जिला की सभी नगर परिषद व नगर पंचायत के अधिकारी मौजूद रहे।