हिमाचल प्रदेश के चंबा में मंगलवार को रावी नदी पर बने पुल का एक हिस्सा धंस गया। गनीमत रही कि बड़ा हादसा नहीं हुआ। इस घटना में पुल पर चढ़ा एक लोडिड टिप्पर ( डंपर ट्रक) मझधार में फंस गया। उसे JCB की मदद से कड़ी मशक्कत के बाद निकाला गया। बताया जा रहा है कि पुल भारी वाहनों के गुजरने के लायक नहीं है, लेकिन बावजूद इसके इस पहलू पर ध्यान नहीं दिया जाता। आज का हादसा इसी लापरवाही का नतीजा है।
घटना जिला मुख्यालय चंबा की निकटवर्ती पंचायत करियां को भड़ियां से जोड़ने वाले पुल की है। मंगलवार दोपहर के समय एक टिप्पर करियां से भड़ियां की ओर जा रहा था। जब वह पुल को पार करने लगा तो अचानक पुल का एक हिस्सा धंस गया। इस कारण टिप्पर बीच में ही फंस गया। ग्रामीणों ने प्रशासन को इसकी सूचना दी।
कुछ ही देर में SDN भी मौके पर पहुंच गए और दो JBP के माध्यम से पुल पर फंसे टिप्पर को वहां से निकालने का काम शुरू हुआ। साथ ही प्रशासन द्वारा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को भी मौके पर बुलाया गया है। पुल का एक हिस्सा धंसने के चलते अब यहां से अन्य वाहनों की आवाजाही भी पूरी तरह से बंद हो गई है।
SDM शिवम प्रताप सिंह ने बताया कि करियां-भड़ियां मार्ग पर रावी नदी पर बने पुल में लोड टिप्पर गुजर रहा था। इससे पुल को क्षति पहुंची है। जैसे ही सूचना मिली तो वह तुरंत मौके पर पहुंचे। उनका कहना है कि पुल पर भारी वाहनों को ले जाना खतरे से खाली नहीं है, लेकिन इसके बावजूद टिप्पर को वहां से गुजारा जा रहा था। ऐसे में पुल को हुए नुकसान की भरपाई संबंधित ठेकेदार द्वारा ही की जाएगी। साथ ही इस संबंध में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों ने जताया लापरवाही पर रोष
भड़िया, जटकरी, कोलका और कुपाहड़ा में रहने वालों लोगों को अब इस पुल को सिर्फ पैदल पर करना होगा। यहां तक कि दुपहिया वाहन को ले जाना भी जान को जोखिम में डालना साबित हो सकता है। लिहाजा घर तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने इस बात पर रोष जताया कि इस पुल पर भारी वाहनों को ले जाना प्रतिबंधित था तो फिर इस पुल से मलबे से भरा टिप्पर किसकी अनुमति से ले जाया जा रहा था। इस लापरवाही की वजह से अब उनके गांवों में कोई व्यक्ति बीमार होता है तो उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस सुविधा तक प्राप्त करने से वंचित रहना पड़ेगा।