कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) और भोपाल किराना व्यापारी महासंघ के GST के कुछ प्रावधानों के विरोध में आज देश के साथ ही मध्यप्रदेश में बंद रहा। हालांकि यह स्वेच्छिक रहा, लेकिन इसका असर प्रदेश के पुराने बाजारों के साथ खास तौर पर थोक किराना व्यापार पर नजर आया। भोपाल में मुख्य रूप से थोक किराना समेत कई प्रमुख मार्केट बंद रहे। इसके कारण करीब 300 करोड़ के कारोबार का नुकसान हुआ।
जुमेराती में सुबह से ही इसका असर दिखाई दिया। यहां सभी व्यापारियों ने अपनी दुकानें नहीं खोलीं। भोपाल किराना व्यापारी महासंघ के महासचिव अनुपम अग्रवाल ने बताया कि हम चाहते हैं कि GST के कुछ प्रावधानों में बदलाव हो। यह बंद पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा।
व्यापारी न तो सड़कों पर आए और न ही उन्होंने कारोबार किया। 35 से ज्यादा संगठनों का हमें सहयोग भी मिला। हमारा विरोध पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा। आगे की रणनीति दिल्ली के आने वाले निर्देश के अनुसार बनेगी।
अग्रवाल ने कहा कि आयकर की धारा 281B और CGST की धारा 83 (3) में फर्जी बिल, गैर-मौजूद विक्रेता, सर्कुलर ट्रेडिंग आदि के कारण कर चोरी के मामलों में कर अधिकारी को बैंक खाते और संपत्ति को जब्त करने का अधिकार दे दिया है। ऐसे में वह संपत्ति और बैंक खातों को भी जब्त कर सकता है।
इसकी मार सबसे ज्यादा ईमानदार व्यापारियों पर पड़ेगी। फर्जी बिलों या गैर कानूनी काम कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन इस कानून का इस्तेमाल उन करोड़ों व्यापारियों के खिलाफ भी किया जा सकता है, जो ईमानदारी से अपना व्यापार कर रहे हैं।
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश सचिव विवेक साहू ने कहा कि नागपुर में हुई बैठे के बाद इस बंद को बुलाया गया है। अधिकांश यूनियन इस बंद के समर्थन में हैं। खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लेकर व्यापारियों में जागरूकता होनी चाहिए। व्यापारिक संगठित होकर अपने खिलाफ होने वाली आवाज को बुलंद करेंगे।
फूड सेफ्टी एक्ट में व्यापारियों के खिलाफ ऐसे बहुत सारे नियम हैं, जिसे हल करना बहुत आवश्यक है। बंद को लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि ऐसे आंदोलन की जरूरत नहीं है। हम बातचीत के द्वार खुले रखते हैं। सरकार हर संभव कोशिश करती है।