मध्य प्रदेश के सीधी जिले में डेढ़ सप्ताह पहले हुए बस हादसे के बाद से राजधानी में निरंतर बसों का चेकिंग अभियान चल रहा है। इसके बाद भी शहर में बस व अन्य वाहन मालिक मोटर व्हीकल एक्ट का पालन करते हुए नहीं दिख रहे हैं। स्थिति यह है कि बस के ड्राइवर व कंडक्टर न तो खाकी वर्दी पहनकर बसों का संचालन कर रहे हैं और न ही बसों में फर्स्ट एंड बॉक्स व अग्निशामन मिल रहे हैं। आरटीओ उड़नदस्ता कभी इंदौर रोड पर बसों का चेकिंग अभियान चला रहा है तो कभी होशंगाबाद,विदिशा और नरसिंहगढ़ रोड पर बसों की जांच की जा रही है। चेकिंग अभियान में मोटर व्हीकल एक्ट का पालन किए बगैर बसें मिल रही हैं। बसों मालिकों ने श्मन शुल्क वसूलने की कार्रवाई हो रही है, लेकिन चेकिंग अभियान का डर बस मालिकों में नहीं दिख रहा है। बस मलिक खुलकर चेकिंग का विरोध कर रहे हैं।
बस संचालक सुरेंद्र तनवानी का कहना है कि चेकिंग होनी चाहिए, लेकिन सिर्फ निजी बसों की ही क्यों जांच की जा रही है? भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड(बीसीएलएल)द्वारा संचालित चार्टर्ड व सूत्रसेवा की बसों की चेकिंग क्यों नहीं हो रही है? बिना भेदभाव के चेकिंग अभियान चलाया जाना चाहिए। एक तरफा कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि अब तक आरटीओ उड़नदस्ते ने तीन दर्जन से अधिक बसों पर नियमों का पालन नहीं करते हुए पकड़ा है। बसों पर शमन शुल्क की कार्रवाई की है। इस संबंध में आरटीओ संजय तिवारी ने बताया कि परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और वरिष्ठ अधिकारियों के निरंतर चेकिंग अभियान चलाने के निर्देश हैं। शहर के चारों तरफ चेकिंग कर रहे हैं। नियमों का पालन नहीं करने वाले बस मालिकों पर कार्रवाई कर रहे हैं।