जल संसाधन मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री श्री तुलसी राम सिलावट ने विधान सभा में प्रस्तुत हुए बजट को शानदार और बेहतरीन बजट बताते हुए कहा की म.प्र. सरकार का बजट प्रदेश के विकास के लिए नए आयाम स्थापित करने में मील का पत्थर साबित होगा। इस बजट ने कोरोना महामारी के समय प्रदेश और जनता को तरक्की की नई राह दिखाई है। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश बनाने लिए यह बजट प्रदेश की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेगा और युवाओं को स्व-रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगा।
किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रदेश में सिंचाई का क्षेत्र 65 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है। बजट में 1 लाख 27 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की 164 नवीन सिंचाई परियोजनाएँ सम्मिलित की गई है। जल संसाधन विभाग का बजट इस वर्ष 6 हजार 436 करोड़ रूपये प्रस्तावित किया गया है। मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए 4 लाख 33 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मछली पालन किया जा रहा है और मछुआरों की आय को दोगुना करने के लिए योजना लाए जाने की ऐतिहासिक पहल की गई है।
शिक्षा को बेहतर करने के लिए प्रदेश के स्कूलों के विकास के लिए 1500 करोड़ रूपये बजट का प्रावधान किया गया है। सीएम राइजिंग स्कूल के तहत 9 हजार 200 स्कूल खोले जाने से छात्र – छात्राओं को और बेहतर शिक्षा के अवसर मिलेंगे। प्रदेश में नए मेडिकल कॉलेज की घोषणा से बच्चों को स्वास्थ क्षेत्र में नए अवसर मिलेंगे। एमबीबीएस की सीटे भी बढ़ाई गई है, इससे प्रदेश को बेहतर डॉक्टर उपलब्ध होंगे।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना शुरू होने से बुजुर्ग माता पिता का आशीर्वाद प्रदेश की जनता और सरकार को मिलेगा। किसानों को शून्य ब्याज दर पर 1 हजार करोड़ रुपए की राशि के प्रावधान से कृषि क्षेत्र में विकास की नई राह खुलेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में जल-जीवन मिशन से हर घर में शुद्ध जल उपलब्ध होगा। बजट में 4500 मेगावाट के नए सोलर पार्क की स्थापना ऊर्जा के क्षेत्र में ग्रीन और क्लीन ऊर्जा की और बेहतर कदम है। प्रदेश में 2 हजार 400 किमी से अधिक नई सड़कों को बनाने के प्रावधान से रोजगार, आधारभूत संरचना का निर्माण और उस क्षेत्र के विकास के नए अवसर उपलब्ध होंगे।