प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पूर्वोत्तर राज्यों में कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर चर्चा की। इस दौरान पीएम मोदी कहा कि हिल स्टेशनों पर बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किए बिना भारी भीड़ का उमड़ना चिंता का विषय है। पीएम ने इस दौरान यह भी कहा कि कोविड-19 के फैलने के उच्च जोखिम वाले क्षेत्रो में टीकाकरण पर और जोर देने की जरूरत है।
पीएम मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर के कुछ जिलों में कोविड-19 की स्थिति चिंताजनक है। ऐसे में सतर्क रहने तथा वायरस का और प्रसार रोकने के लिए तेजी से कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी पर्यटन स्थलों पर बिना मास्क और सामाजिक दूरी का पालन नहीं करते हुए बड़ी भीड़ का जुटना चिंताजनक है।
पीएम ने कहा, ‘मैं जोर देकर कहूंगा कि हिल स्टेशनों पर और मार्केट्स में बिना मास्क पहने और प्रोटोकॉल का पालन किए बिना भारी भीड़ का उमड़ना सही नहीं है। यह चिंता की वजह है। कई बार हम सुनते हैं कि लोग कहते हैं कि हम तीसरी लहर आने से पहले एंजॉय करना चाहते हैं। यह समझना जरूरी है कि तीसरी लहर अपने आप नहीं आएगी। कई बार लोग पूछते हैं कि तीसरी लहर से निपटने की आपकी क्या तैयारी है। आज हमें यह सोचने की जरूरत है कि तीसरी लहर को कैसे रोकना है। कोरोना ऐसी चीज है, जो खुद नहीं आती है। इसलिए सावधानी बरतने की जरूरत है।’
कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के मद्देनजर पीएम मोदी ने कहा कि महामारी की थर्ड वेव को रोकने के लिए हम सभी को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। वायरस का प्रसार रोकने के लिये लघु स्तर पर सख्त कदम उठाने की जरूरत है। पीएम मोदी ने इस दौरान सूक्ष्म निषेध केंद्रों पर ज्यादा जोर देने का आह्वान भी किया।
कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट से पैदा हुए खतरे को लेकर पीएम ने कहा कि हमें कोविड के प्रत्येक स्वरूप पर नजर रखने की जरूरत है, ऐसी बदलती परिस्थितियों में रोकथाम और उपचार बेहद महत्वपूर्ण हैं।