मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज कांगड़ा जिले के कांगड़ा बाईपास के समीप 5 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले भगवान परशुराम संस्कृति भवन का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने भगवान परशुराम जयंती के अवसर पर लोगों को बधाई देते हुए कहा कि भगवान परशुराम ने हमेशा ही कमजोर वर्ग के उत्पीड़न और उनके साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम शास्त्र और शस्त्र दोनों के ज्ञाता थे। उन्होंने कहा कि भगवान शिव ने असहाय और शक्तिहीन की रक्षा के लिए भगवान परशुराम को परशु प्रदान किया था और उसके बाद उनका नामकरण परशुराम हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि हिमाचल से भगवान परशुराम का गहरा नाता है क्योंकि सिरमौर जिले की रेणुका झील भगवान परशुराम की मां माता रेणुका को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष रेणुका में रेणुका मेला आयोजित किया जाता है जो मां और बेटे के मिलन का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि ऋषि जमदग्नि के पुत्र भगवान परशुराम, भगवान विष्णु के अवतार थे। जय राम ठाकुर ने प्रदेशवासियों को अक्षय तृतीया की भी बधाई देते हुए कहा कि हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार अक्षय तृतीया के अवसर पर गंगा नदी स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं और महाभारत का युद्ध संपन्न हुआ था।मुख्यमंत्री ने इस भवन निर्माण के लिए 21 लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस भवन निर्माण के लिए हर संभव सहयोग प्रदान करेगी। उन्होंने लोगों से इस भवन निर्माण के लिए उदारता से योगदान करने का भी आग्रह किया।ब्राहा्रण कल्याण परिषद की अध्यक्ष वेद प्रकाश शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि भगवान परशुराम का भवन देश व प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और परम्परा के संरक्षण ने सहायक सिद्ध होगा। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष विपिन सिंह परमार, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी, धर्मशाला के विधायक विशाल नैहरिया, देहरा के विधायक होशियार सिंह, वुलफेड के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर, ओबीसी निगम के उपाध्यक्ष ओ.पी. चौधरी, पूर्व विधायक सुरेंद्र काकू, प्रवीन शर्मा, संजय चौधरी, मनोहर धीमान, जिला भाजपा अध्यक्ष चंद्र भूषण नाग, राज्य बास्केट बॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष मुनीष शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।